माल के मालिक द्वारा किसी भी धोखाधड़ी के लिए वाहन का मालिक वैकल्पिक रूप से उत्तरदायी नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
10 March 2022 1:52 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) ने कहा कि वाहन का मालिक जो केवल वाहन को छोड़ने की मांग कर रहा है, वह जब्त किए गए सामान (Goods) के लिए जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
न्यायमूर्ति अजय तिवारी और पंकज जैन की खंडपीठ ने देखा है कि वाहन के मालिक को माल पर कर और जुर्माना भरने के लिए मजबूर करने का मतलब यह होगा कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 130 की उप धारा 2 के प्रावधान के तहत वाहन के मालिक को भी किसी भी गलत घोषणा/धोखाधड़ी के लिए माल के मालिक द्वारा जुर्माना भरना पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला?
कर अधिकारियों द्वारा पारगमन के दौरान माल और वाहन को जब्त कर लिया गया था क्योंकि माल पर कर का भुगतान नहीं किया गया था। 14 दिन तक जुर्माना नहीं भरने पर धारा 130 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है।
माल का मालिक कर और जुर्माना देने के लिए आगे नहीं आया, लेकिन वाहन के मालिक ने वाहन के संबंध में आवश्यक जुर्माना अदा किया।
वाहन के मालिक द्वारा जुर्माने का भुगतान करने के बाद भी अधिकारियों ने इस आधार पर वाहन को रिहा करने से इनकार कर दिया कि माल की जब्ती के एवज में जुर्माना भरा जाए। इसलिए वर्तमान रिट याचिका वाहन के मालिक द्वारा दायर की गई थी।
यह मुद्दा उठाया गया कि क्या जीएसटी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए वाहन को माल पर लगाए गए जुर्माने के भुगतान के बिना वाहन पर लगाए गए जुर्माने के भुगतान पर छोड़ा जा सकता है।
विभाग के वकील ने तर्क दिया है कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 129 की उप धारा 1 के अनुसार माल और वाहन को केवल लागू कर और जुर्माना के भुगतान पर ही छोड़ा जा सकता है और केवल तथ्य यह है कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 130 बाद में लागू होने से सीजीएसटी अधिनियम की धारा 129(1) की कठोरता दूर नहीं होगी।
आगे यह तर्क दिया गया कि इस प्रस्ताव के लिए कोई वारंट नहीं है कि माल का मालिक और वाहन का मालिक दो अलग-अलग हैं क्योंकि उनके अनुसार सीजीएसटी अधिनियम की धारा 130 की मुख्य उप धारा 2 के तहत यह स्पष्ट है कि जो कोई भी चाहता है कि माल या वाहन को छोड़ा जाए तो सभी चीजों के लिए कर और जुर्माना देना होगा यानी माल के साथ-साथ वाहन का भी। सीजीएसटी अधिनियम की धारा 130 की उप धारा 2 का प्रावधान इस मूल प्रावधान को प्रभावित नहीं करेगा।
अदालत ने विभाग के वकील की दलीलों को खारिज करते हुए कहा है कि चूंकि वाहन का मालिक और माल का मालिक अलग-अलग हैं, इसलिए वाहन के मालिक को माल पर लगाए गए जुर्माने और जुर्माने के लिए वैकल्पिक रूप से उत्तरदायी नहीं माना जा सकता है।
वाहन के मालिक को माल पर लगाए गए कर और जुर्माने का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और इसलिए वाहन पर लगाए गए कर और जुर्माना के भुगतान के बाद वाहन को रोका नहीं जा सकता है।
केस का शीर्षक: विजय ममगैन बनाम हरियाणा राज्य
प्रशस्ति पत्र: 2022 लाइव लॉ (पीएच) 34
मामला संख्या: सीडब्ल्यूपी-1564-2022 (ओ एंड एम)
याचिकाकर्ता के वकील: अधिवक्ता संदीप गोयल
प्रतिवादी के लिए वकील: डीएजी श्रुति जैन गोयल