'ओवर स्पीडिंग सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण': मद्रास हाईकोर्ट ने स्पीड लिमिट बढ़ाने की अधिसूचना रद्द की

LiveLaw News Network

16 Sep 2021 5:52 AM GMT

  • ओवर स्पीडिंग सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण: मद्रास हाईकोर्ट ने स्पीड लिमिट बढ़ाने की अधिसूचना रद्द की

    मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा 2018 में जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें स्पीड लिमिट बढ़ाई गई थी। कोर्ट ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण गड़ियों की ओवर स्पीड है।

    उक्त अधिसूचना ने एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट को 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक और 4-लेन राजमार्गों में एम 1 श्रेणी के वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटे तक बढ़ा दिया था।

    न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण (सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति वी थमिलसेल्वी की खंडपीठ ने 18 अगस्त (बाद में अपलोड) को पारित आदेश में केंद्र सरकार को 2014 की अधिसूचना पर वापस जाने का निर्देश दिया, जिसमें कम स्पीड निर्धारित की गई थी।

    अदालत ने आदेश दिया,

    "पूर्व अधिसूचना दिनांक 05.08.2014 के अनुसार स्पीड लिमिट को कम करने का निर्देश दिया जाता है।"

    पीठ ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए मुआवजे में वृद्धि की मांग वाली एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

    केंद्र सरकार के इस रुख को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कि विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर स्पीड लिमिट बढ़ाई गई है।

    पीठ ने कहा,

    "यह जानते हुए कि ओवर स्पीड सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है, लोगों के कीमती जीवन को छीनना और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना है। चौथे प्रतिवादी द्वारा लिया गया निर्णय जैसा कि दिनांक 06.04.2018 की अधिसूचना में दर्शाया गया है, रद्द किए जाने योग्य है।"

    कोर्ट ने कहा कि उक्त अधिसूचना को रद्द करने के लिए आदेश पारित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए यह स्वत: संज्ञान लिया गया था।

    बेंच ने आदेश में कहा,

    "ओवर स्पीड सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। यह ज्ञात नहीं है कि सड़क के बुनियादी ढांचे और इंजन प्रौद्योगिकी में सुधार से दुर्घटनाएं कैसे कम होंगी। वास्तव में बेहतर इंजन तकनीक हमेशा अनियंत्रित गति का कारण होगी और इस तरह अधिक संख्या में दुर्घटनाएं होंगी।"

    आदेश में बड़े पैमाने पर आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अधिक स्पीड दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। ओवर स्पीड के कारण दुर्घटनाओं का प्रतिशत वर्ष 2017 में - 66.7%, वर्ष 2018 में - 55.73% और वर्ष 2019 में - 64.4% रहा है।

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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