दिल्ली हाईकोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित फिल्मों की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार किया; सुशांत के पिता की याचिका खारिज

LiveLaw News Network

10 Jun 2021 5:53 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित फिल्मों की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार किया; सुशांत के पिता की याचिका खारिज

    दिल्ली हाईकोर्ट ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह की सुशांत के जीवन पर आधारित फिल्मों की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है।

    न्यायमूर्ति संजीव नरूला की एकल पीठ ने कृष्ण किशोर सिंह के आवेदन पर यह आदेश पारित किया है।

    दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की एकल पीठ ने अप्रैल में सुशांत के पिता की याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें सुशांत के जीवन पर आधारित किसी भी फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।

    याचिका में निजता के अधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि,

    "हाल के समाचार लेखों और फिल्मों के प्रकाशनों के आलोक में सुशांत के निजी जीवन, नाम / छवि/ व्‍यंग्‍यचित्र / जीवन शैली को बायोपिक के रूप में दर्शाया गया है। दिवंगत अभिनेता के निजी जीवन का ऐसा कोई भी प्रकाशन, निर्माण या चित्रण निजता के मौलिक अधिकार का एक ज़बरदस्त और जानबूझकर उल्लंघन है जिसमें प्रचार का अधिकार शामिल है।"

    दिवंगत अभिनेता के पिता-याचिकाकर्ता ने कहा कि यह सुशांत के कानूनी उत्तराधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना नहीं किया जा सकता है यानी उनकी अपनी स्वीकृति।

    याचिकाकर्ता सिंह ने कहा था कि इस तरह की फिल्मों से जांच प्रभावित होगी और इसके साथ ही फिल्में सुनियोजित ढंग से बनाई जा रही है जिससे सुशांत की आत्महत्या के मामले में आरोपी व्यक्तियों को मदद मिल सके।

    सिंह ने कहा था कि सुशांत के नाम / छवि / व्‍यंग्‍यचित्र / जीवन शैली या उनके निजी जीवन की जानकारी का उपयोग / दुरुपयोग उनके "व्यक्तित्व अधिकार" के उल्लंघन के बराबर है।

    सिंह ने 'न्याय- द जस्टिस', 'आत्महत्या या हत्या: ए स्टार वाज लास्ट', और 'शशांक' शीर्षक वाली फिल्मों पर समाचार रिपोर्टों के आधार पर याचिका दायर की थी, जो कथित तौर पर सुशांत की कहानी को दर्शाती है, यह दावा करते हुए कि ये फिल्में मामले की जांच में हस्तक्षेप करेंगी।

    याचिकाकर्ता सिंह ने एक आदेश के लिए प्रार्थना की थी कि प्रतिवादियों को उनकी आगामी परियोजनाओं / फिल्मों में सुशांत के नाम / कैरिकेचर / जीवन शैली का उपयोग करने या विज्ञापन करने या संदर्भ देने से रोका जाए।

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