ज़ेबरा क्रॉसिंग का उपयोग नहीं करने के दौरान पैदल यात्री को टक्कर मारने पर रैश ड्राइविंग का अपराध नहीं बनता: मुंबई कोर्ट
LiveLaw News Network
2 Sept 2021 4:36 PM IST
मुंबई के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक 30 वर्षीय बाइकर-आरोपी को बरी करते हुए कहा कि पैदल चलने वालों को ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को पार करते समय अनिवार्य रूप से ज़ेबरा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करना चाहिए। आगे कहा कि ज़ेबरा क्रॉसिंग का उपयोग नहीं करने के दौरान पैदल यात्री को टक्कर मारने पर रैश ड्राइविंग का अपराध नहीं बनता है।
दरअसल, बाइकर ने साल 2017 में सड़क पार करने का प्रयास करने वाली 60 वर्षीय महिला पर गाड़ी से टक्कर मार दी थी, जिससे उस महिला की मौत हो गई थी।
मजिस्ट्रेट एसएस परवे ने बाइकर हेमंत हाटकर को भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (जल्दी और लापरवाही अधिनियम), 304 (ए) (लापरवाही से मौत का कारण) के तहत और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 134 (ए) (बी) के तहत दंडनीय अपराध से बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दुर्घटना सड़क के बीचो-बीच में हुई और यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि पीड़िता ने जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल किया है।
कोर्ट ने कहा,
"घटना स्थल से पूर्व की ओर 35 फीट की दूरी पर एक फुटपाथ है। घटना स्थल से 15 फीट की दूरी पर रोड डिवाइडर है। इसका मतलब है कि घटना सड़क के बीचो-बीच में हुई, जब मृतक मुद्रिका कांबले सड़क पार करने की कोशिश कर रही थीं। यह सामान्य सी बात है कि पैदल चलने वालों को पूर्वी एक्सप्रेस राजमार्ग को तब तक पार नहीं करना चाहिए जब तक कि ज़ेबरा क्रॉसिंग न हो।"
मजिस्ट्रेट ने आगे कहा कि सूचना देने वाले ने प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा था और वह घटना के बाद आया था।
कोर्ट ने कहा कि इस परिस्थिति में यह स्पष्ट है कि अभियोजन यह स्थापित करने में विफल रहा है कि आरोपी ने अपने मोटर वाहन को सार्वजनिक सड़क पर जल्दबाजी और लापरवाही से मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालते हुए चलाया और जिससे मुद्रिका कांबले की मौत हुई और उसे चिकित्सा सहायता और मामले की सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन में देने में विफल रहा।
केस का शीर्षक: राज्य (पंतनगर पुलिस स्टेशन) बनाम हेमंत नागेश हटकर