एनजीटी ने यूपी जल निगम को राहत देने से इनकार किया, गंगा को गंदा करने के लिए एक करोड़ रुपए का मुआवज़ा देने को कहा

Sharafat Khan

26 Dec 2019 4:30 AM GMT

  • एनजीटी ने यूपी जल निगम को राहत देने से इनकार किया, गंगा को गंदा करने के लिए एक करोड़ रुपए का मुआवज़ा देने को कहा

    राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यूपी जल निगम को किसी भी तरह का राहत देने से मना करते हुए उसे गंगा नदी को गंदा करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक करोड़ रुपए का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया है। उसको ट्रंक सीवर की सफ़ाई के आधार पर भारी मात्रा में बिना साफ़ किए गंदे पानी को गंगा में बहाने के लिए यह मुआवज़ा देने को कहा गया है।

    एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने बोर्ड की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया। यह आदेश अधिकरण ने 15 नवंबर को दिया था।

    बोर्ड ने कहा था, इसके बारे में कुछ तथ्यों को वह उस समय अधिकरण के समक्ष नहीं पेश कर पाया जब यह आदेश दिया गया था। यह कहा गया था कि जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 24(3) के तहत इसकी अनुमति थी। उचित कार्रवाई को देखते हुए आवेदक को जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 24(2) के तहत संरक्षण मिला हुआ है।

    अधिकरण ने कहा,

    "हमारा मानना है कि जहां तक तथ्यों की बात है, तो जल निगम के ग़ैरक़ानूनी क़दम के बारे में जो आवेदक ने जो विवरण दिए हैं उसके हिसाब से इस आवेदन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिस पर ग़ौर किया जा सके और सुनवाई के दौरान इन बातों पर पहले ही ग़ौर किया जा चुका है। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने जो अनुमति दी है वह जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 24(3) के तहत नहीं आता और यह इस प्रावधान को पढ़ने से स्पष्ट आही। इसे देखते हुए इस आवेदन को ख़ारिज किया जाता है। "



    Tags
    Next Story