नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रयागराज और कौशाम्बी के जिलाधिकारियों को यमुना में कथित अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई निर्देश दिया

Brij Nandan

10 April 2023 7:12 AM GMT

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रयागराज और कौशाम्बी के जिलाधिकारियों को यमुना में कथित अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई निर्देश दिया

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की प्रधान पीठ ने उत्तर प्रदेश में प्रयागराज और कौशांबी जिलों के जिलाधिकारियों को यमुना नदी के किनारे कथित अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

    जस्टिस आदर्श कुमार गोयल (अध्यक्ष), जस्टिस सुधीर अग्रवाल (न्यायिक सदस्य), डॉ. ए. सेंथिल वेल (विशेषज्ञ सदस्य) ने कहा,

    "व्यक्तिगत उल्लंघनकर्ताओं की पार्टी होने की अनुपस्थिति में, हमारी राय है कि जिलाधिकारियों, प्रयागराज और कौशाम्बी को इस मामले को देखने और ट्रिब्यूनल के पहले के निर्देशों के आलोक में कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देना उचित होगा।"

    ट्रिब्यूनल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और कौशांबी जिलों में नदी के किनारे और यमुना की धारा के भीतर अवैध रेत खनन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

    आवेदन में कहा गया है कि पहुवा, प्रतापपुर, नेवादिया, अमिलिया, मसियारी, फुलवा, बिसोना, असरावल, मानपुर, भामपुर, मिश्रपुर, नगवर, गदिसपुर, भीखाना, बेबर, पालपुर, विद्यापीठ, मझियारी, बसवार, भीलोर, नंदा का पुरवा, सैदपुर, और अन्य सहित विभिन्न स्थानों पर भारी मशीनों की मदद से और 1,000 से अधिक नावों का उपयोग करके खनन किया जा रहा है। ,

    आगे कहा गया है कि प्रतिदिन 400-500 ओवरलोड ट्रक दिन-रात जा रहे हैं जबकि स्वीकृति 125 ट्रक की ही है।

    आवेदक ने प्रकाश डाला कि ट्रिब्यूनल पहले ही अतुल सिंह चौहान बनाम पर्यावरण और वन मंत्रालय और जलवायु परिवर्तन और अन्य मामले में इस मामले को उठा चुका है। जिसे ओवरसाइट कमेटी की सिफारिशों के संदर्भ में दिनांक 18.03.2021 के आदेश द्वारा निपटाया गया था।

    आवेदक का आरोप है कि ट्रिब्यूनल के आदेश के बावजूद उल्लंघन जारी है।

    एनजीटी ने इस मामले पर विचार करते हुए कहा कि व्यक्तिगत उल्लंघनकर्ताओं की अनुपस्थिति में, प्रयागराज और कौशांबी के जिलाधिकारियों को मामले की जांच करने और पहले के ट्रिब्यूनल निर्देशों के आलोक में कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देना उचित होगा।

    इसके साथ ही आवेदन का निस्तारण किया गया।

    केस टाइटल- अतुल सिंह चौहान बनाम पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और अन्य।

    आवेदक के लिए वकील- एडवोकेट मुक्ति चौधरी

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:





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