[NEET-UG परीक्षा] सुबह से बस सेवा शुरू करें और उम्मीदवारों के लिए बसों की आवृत्ति बढ़ाएं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए

SPARSH UPADHYAY

10 Sep 2020 10:50 AM GMT

  • [NEET-UG परीक्षा] सुबह से बस सेवा शुरू करें और उम्मीदवारों के लिए बसों की आवृत्ति बढ़ाएं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए

    कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार (09 सितंबर) को राज्य के अधिकारियों से कहा कि वे NEET-UG परीक्षा के दिन सुबह से ही उम्मीदवारों के लिए बस सेवा शुरू करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करें और छात्रों को बड़े स्तर पर अपने एग्जाम केंद्र तक पहुँचने हेतु सक्षम बनाने के लिए बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाएं।

    [नोट: यह परीक्षा 13 सितंबर, 2020 को आयोजित होने वाली है।]

    न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की एकल पीठ, एक NEET UG उम्मीदवार सौविक पांडा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अदालत के निर्देशों की मांग की गई थी कि संबंधित प्रतिवादी अधिकारियों को आदेश दिया जाए कि वे NEET में भाग लेने के लिए COVID-19 पॉजिटिव पाए गए याचिकाकर्ता को एग्जाम देने की अनुमति देने के लिए अलग से व्यवस्था करें (सभी परिवहन और चिकित्सा सुविधाओं सहित)।

    याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता पूर्ब मेदिनीपुर जिले का निवासी है और उसे दांतन में भटनेर कॉलेज में एक परीक्षा केंद्र सौंपा गया है जो उसके निवास से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।

    उन्होंने आगे कहा कि जब तक राज्य परिवहन अधिकारियों द्वारा उचित परिवहन सुविधा प्रदान नहीं की जाती है, तब तक याचिकाकर्ता के लिए परीक्षा केंद्र तक पहुंचना असंभव होगा।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता को 18 अगस्त 2020 को COVID-19 पॉजिटिव पाया गया था और यह बात अधिकारियों को उक्त केंद्र में उक्त परीक्षा में याचिकाकर्ता को उपस्थित होने से रोक सकती है।

    कोर्ट का आदेश

    कोर्ट ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि NEET-UG परीक्षा को स्थगित करने की प्रार्थना को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 17 अगस्त 2020 के आदेश द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है और इसके बाद राज्य द्वारा दायर एक समीक्षा आवेदन भी 4 सितंबर 2020 को खारिज कर दिया गया है।

    न्यायालय का विचार था कि परीक्षा आयोजित करने के महत्व पर पर्याप्त जोर दिया गया है। हालांकि, न्यायालय ने जोर देकर कहा कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए साधन भी अत्यंत आवश्यक हैं।

    इस संदर्भ में न्यायालय ने आदेश दिया,

    "वर्तमान अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए, जो COVID - 19 वायरस के कारण हुई है और उपनगरीय और अन्य ट्रेनों के संचालन की अनुपस्थिति में, उम्मीद है कि राज्य के अधिकारी, छात्रों की चिंता के आनुभविक विचार पर, सुबह से बस सेवा शुरू करेंगे और बड़े पैमाने पर छात्रों को उनके संबंधित परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए बसों की आवृत्ति बढ़ाने का एक ईमानदार प्रयास करेंगे।"

    एएजी ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि इस स्थिति में एडमिट कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ रिट याचिका की एक प्रति, परिवहन विभाग के विधि अधिकारी को ईमेल द्वारा भेजी जाए, तब सक्षम प्राधिकारी द्वारा उचित निर्देश भी दिया जाएगा।

    इसके लिए, अदालत ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को संबंधित परिवहन विभाग के विधि अधिकारी के साथ-साथ परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को इस आदेश की एक प्रति के साथ सभी दस्तावेजों को तुरंत संप्रेषित करने का निर्देश दिया।

    इसके अलावा, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता को 18 अगस्त को COVID-19 पॉजिटिव पाया गया था, कोर्ट ने परीक्षा से संबंधित दिशा निर्देश का अवलोकन करने के बाद कहा, "उम्मीदवारों के लिए हर तरीके से सहायता करने के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया विस्तृत की गई है ताकि वे परीक्षा में शामिल सकें और परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से हो।"

    न्यायालय ने आगे कहा कि यदि उम्मीदवारों के शरीर का तापमान 37.4O C से ऊपर भी है और ऐसे उम्मीदवार COVID-19 के किसी भी लक्षण को प्रदर्शित कर रहे हैं, तो उन्हें एक अलग कमरे में रखा जाएगा।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि बुधवार (09 सितंबर) को कलकत्ता उच्च न्यायालय (न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती) न्यायालय की पीठ द्वारा कम से कम 3 ऐसे आदेश जारी / पारित किए गए थे।

    आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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