2018 और मार्च 2023 के बीच 1873 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए, 20 किशोर 18 मामलों में शामिल थे: अहमदाबाद सिटी पुलिस ने गुजरात हाईकोर्ट में बताया
Sharafat
17 April 2023 8:00 AM IST
गुजरात हाईकोर्ट द्वारा अहमदाबाद में तस्करी/नशीले पदार्थों को पुश करने के लिए नाबालिगों के कथित उपयोग के संबंध में एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर दर्ज स्वत: संज्ञान जनहित याचिका के जवाब में सरकार ने गुरुवार को अदालत को सूचित किया कि दो आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। रिपोर्ट में नामजद महिला भी शामिल है।
आगे बताया गया कि 2018 से मार्च 2023 के दौरान एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत लगभग 1873 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 18 मामलों में 20 किशोर शामिल थे।
न्यायालय ने 13 मार्च, 2023 के आदेश के तहत राज्य के अधिकारियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछे:
क्या अखबार की रिपोर्ट में कोई सच्चाई है, विशेष रूप से छोटे बच्चों को शहर भर में ड्रग्स पहुंचाने के लिए 'डिलीवरी एजेंट' के रूप में इस्तेमाल किए जाने के संबंध में?
यदि रिपोर्ट सही है या आंशिक रूप से भी सही है, तो नाबालिग बच्चों को इस खतरनाक व्यवसाय से बचाने के लिए राज्य द्वारा क्या कार्रवाई की गई है/किए जाने का प्रस्ताव है?
क्या ऐसे नाबालिगों के पुनर्वास के लिए राज्य के पास कोई नीति है या राज्य उन नाबालिगों के पुनर्वास का इरादा कैसे रखता है, जो कथित तौर पर ऊपर बताए गए खतरनाक कारोबार में शामिल हैं?
राज्य के अधिकारियों ने गुरुवार को अदालत के समक्ष दो हलफनामे दायर किए।
डीसीपी, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), अहमदाबाद द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया था कि प्राधिकरण ने कुछ नाबालिगों का पता लगाया था जिनकी तस्वीरें अखबार में प्रकाशित हुई थीं। आगे यह कहा गया कि दो अभियुक्तों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी जिन्हें विचारण न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया।
"प्राधिकरण सोसाइटी में कुछ बिंदुओं पर अधिक सतर्क है जहां उन्हें नशीले पदार्थ बनाने के बारे में संदेह है। अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए गए हैं।
दूसरे हलफनामे में अदालत को ऐसे नाबालिगों के पुनर्वास के लिए प्राधिकरण द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया गया।
अदालत ने प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख 23 जून से पहले और हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल : स्वत: संज्ञान बनाम गुजरात राज्य
कोरम: कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए जे देसाई और जस्टिस बीरेन वैष्णव