यह युवा मन को दूषित करेगा, जिसका परिणाम बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण हो सकता हैः एनसीपीसीआर ने नेटफ्लिक्स से 'बॉम्बे बेगम' की स्ट्रीमिंग बंद करने को कहा

LiveLaw News Network

12 March 2021 5:53 AM GMT

  • यह युवा मन को दूषित करेगा, जिसका परिणाम बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण हो सकता हैः एनसीपीसीआर ने नेटफ्लिक्स से बॉम्बे बेगम की स्ट्रीमिंग बंद करने को कहा

    राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गुरुवार (11 मार्च) को सब्सक्रिप्शन बेस्ड स्ट्रीमिंग सेवा प्रदाता नेटफ्लिक्स को एक नोटिस जारी करते हुए अपनी नई वेब सीरीज 'बॉम्बे बेगम' की स्ट्रीमिंग को रोकने के लिए कहा।

    वेब सीरीज 'बॉम्बे बेगम' में बच्चों के अनुचित चित्रण का हवाला देते हुए शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर ने नेटफ्लिक्स से सीरीज की स्ट्रीमिंग तुरंत बंद करने और 24 घंटे के भीतर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

    एनसीपीसीआर ने आगे कहा कि अगर नेटफ्लिक्स ऐसा करने में विफल रहता है तो संस्था उसके खिलाफ कानून कार्रवाई करने के लिए विवश होगी।

    अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा लिखित और निर्देशित नेटफ्लिक्स इंडिया शो 'बॉम्बे बेगम' मुंबई में विभिन्न क्षेत्रों की पांच महिलाओं के जीवन पर आधारित एक सीरीज है।

    सीरीज 'बॉम्बे बेगम' के संबंध में दो ट्विटर हैंडल से प्राप्त एक शिकायत के मद्देनजर, आरोप लगाया गया कि यह सीरीज कैजुअल सेक्स और मादक पदार्थों के सेवन में लिप्त नाबालिगों को सामान्य बनाती है। एपेक्स चाइल्ड राइट्स बॉडी को लेकर किए गए इन ट्विस्ट में सीपीसीआर [बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए आयोग] अधिनियम 2005 की धारा 13 (1) (जे) के तहत इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की गई।

    यह विशेष प्रावधान आयोग को शिकायतों से पूछताछ करने और संबंधित मामलों की सूचना देने के लिए अधिकार देता है, -

    बाल अधिकारों का अभाव और उल्लंघन;

    बच्चों के संरक्षण और विकास के लिए प्रदान करने वाले कानूनों का गैर-कार्यान्वयन;

    बच्चों के कल्याण को कम करने और सुनिश्चित करने और ऐसे बच्चों को राहत प्रदान करने या उपयुक्त अधिकारियों के साथ ऐसे मामलों से उत्पन्न होने वाले मुद्दों को उठाने के लिए नीतिगत निर्णयों, दिशानिर्देशों या निर्देशों का पालन न करना।

    गौरतलब है कि इसे 'गंभीर मुद्दा' बताते हुए नेटफ्लिक्स को नोटिस जारी में कहा गया,

    "इस प्रकार की सामग्री के साथ सीरीज न केवल बच्चों के युवा दिमाग को दूषित करेगी, बल्कि इसका परिणाम अपराधियों के हाथों बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण भी हो सकता है।"

    आयोग ने यह भी कहा है कि वह भारत में किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म/इंटरनेट/ओटीटी आदि पर इस तरह से बच्चों का प्रतिनिधित्व, चित्रण और महिमामंडन करने की अनुमति नहीं देता है।

    आयोग ने अपने नोटिस में कहा,

    "नेटफ्लिक्स को बच्चों के संबंध में या बच्चों के लिए किसी भी सामग्री को स्ट्रीम करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।"

    आयोग ने कहा,

    "इसलिए, इस मामले को देखने के लिए आपको निर्देशित किया जाता है और तुरंत इस सीरीज की स्ट्रीमिंग रोकने के लिए कहा जाता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो 24 घंटों के भीतर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इसमें सीपीसीआर (कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स) अधिनियम, 2005 की धारा 14 के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई के लिए बाध्य किया जाएगा।"

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