मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: यूपी पुलिस ने टीचर के खिलाफ एनसीआर को एफआईआर में बदला, 'बाल क्रूरता' के संबंध में जेजे एक्ट का प्रावधान जोड़ा

Sharafat

19 Sept 2023 1:10 PM IST

  • मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: यूपी पुलिस ने टीचर के खिलाफ एनसीआर को एफआईआर में बदला, बाल क्रूरता के संबंध में जेजे एक्ट का प्रावधान जोड़ा

    मुजफ्फरनगर छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने महिला स्कूल शिक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 जोड़ा है। महिला टीचर ने अन्य छात्रों को एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहा था, जिसका एक वीडियो पिछले महीने सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

    गौरतलब है कि इस मामले में प्रारंभिक जांच के बाद पहले दर्ज एनसीआर को आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और धारा 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) के तहत परिवर्तित कर एफआईआर दर्ज की गई थी। अब एफआईआर में जेजे एक्ट की धारा 75 (बच्चे के खिलाफ क्रूरता) को भी जोड़ा गया है।

    इस संबंध में एक पत्र संबंधित पुलिस स्टेशन द्वारा एक पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) को भेजा गया, जिसमें उन्हें सूचित किया गया था कि पहले दर्ज की गई एनसीआर को एफआईआर में बदल दिया गया है और मामले की जांच वर्तमान में चल रही है। .

    पत्र में यह भी कहा गया है कि मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान यह पाया गया कि घटना का वीडियो 24 अगस्त का है जब नेहा पब्लिक स्कूल (ग्राम खुब्बापुर थाना मंसूरपुर मुजफ्फरनगर) के पीड़ित छात्र से टीचर ने टेबल सुनाने के लिए कहा था। चूंकि वह टेबल सुना नहीं सका, इसलिए स्कूल टीचर तृप्ता त्यागी के कहने पर कक्षा के अन्य बच्चों ने पीड़ित छात्र की पिटाई कर दी।

    पत्र में आगे कहा गया है कि घटना का वीडियो पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने शेयर किया था और वीडियो में यह सुना जा सकता है कि आरोपी टीचर कह रही हैं कि उसने घोषणा की है कि जब मुस्लिम छात्रों की मां कहीं बाहर जाती हैं, तो उनकी ( विद्यार्थियों) की शिक्षा बर्बाद हो जाती है।

    पत्र में आगे कहा गया है कि पीड़ित के पिता ने यह भी कहा है कि चूंकि उनका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, इसलिए उन्होंने पहले टीचर से अपने बच्चे को 'तंग' रखने के लिए कहा था ताकि वह पढ़ाई में रुचि ले सके।

    महत्वपूर्ण बात यह है कि पत्र में कहा गया है कि पीड़ित छात्र की काउंसलिंग बाल कल्याण समिति मुजफ्फरनगर द्वारा उसके परिजनों की उपस्थिति में की गई थी और वर्तमान में उक्त घटना को लेकर ग्राम खुब्बापुर में दोनों पक्षों के बीच कोई दुश्मनी नहीं है।

    पत्र में संबंधित एसपी को यह भी बताया गया है कि जांच से पता चला है कि जिन छात्रों को कक्षा में अन्य छात्रों की पिटाई करने के लिए कहा गया था, वे केवल हिंदू समुदाय के नहीं हैं, बल्कि वे दोनों समुदायों (हिंदू और मुस्लिम) से संबंधित हैं। श्रीमती तृप्ता त्यागी एक दिव्यांग महिला हैं।

    यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुजफ्फरनगर एसपी से मामले की जांच की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगने के कुछ दिनों बाद आया है। कोर्ट ने एसपी से अपराध के पीड़ित की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है।

    जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने 6 सितंबर को सामाजिक कार्यकर्ता और महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें मामले में उचित जांच की मांग की गई थी। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से बच्चे के परिवार पर "समझौता" करने और शिक्षक के खिलाफ एफआईआर को रद्द कराने का दबाव बढ़ रहा है।

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