मुंबई विशेष अदालत ने ड्रग्स मामले के आरोपी के कॉलेज परीक्षा छूट जाने के बाद तालोजा जेल के अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी

LiveLaw News Network

16 Oct 2020 10:36 AM GMT

  • मुंबई विशेष अदालत ने ड्रग्स मामले के आरोपी के कॉलेज परीक्षा छूट जाने के बाद तालोजा जेल के अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी

    अदालत के आदेश ((06 अक्टूबर) के बावजूद 23 साल के विचाराधीन कैदी (अब्दुल बासित परिहार) को ऑनलाइन परीक्षा में शामिल नहीं करा पाने के बाद मुंंबई की विशेष अदालत ने तलोजा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है।

    अब्दुल बासित परिहार शहर के एक कॉलेज में वास्तुकला का छात्र है और उसे कथित ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोनायक चक्रवर्ती सहित 20 अन्य लोग भी शामिल थे।

    कोर्ट ने जेल से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी।

    मंगलवार (06 अक्टूबर) को परिहार के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष पेश किया था कि वह बी आर्किटेक्चर(B.Arch.) की पढ़ाई कर रहा है और वह रिजवी कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रहा है।

    इसमें यह कहा गया कि आवेदक को 10वें सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होना था। परीक्षा 8/10/2020 को ऑनलाइन माध्यम से लगभग 14 बजे से 15.30 बजे तक निर्धारित की गई थी। परीक्षा एक अंतिम जूरी (बाहरी) से पहले थी।

    यह तर्क दिया गया था कि यह उसका अंतिम सेमेस्टर है और यदि परीक्षा के लिए अनुमति नहीं दी जाती है तो उसका पूरा करियर प्रभावित होगा।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि आवेदक के पिता को कृपया जेल में अध्ययन सामग्री और दस्तावेजों की आपूर्ति करने की अनुमति दी जाए।

    इसके लिए कोर्ट ने तलोजा जेल में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह वर्तमान में जहाँ हैं,उसके लिए जरूरी इंतजाम करें।

    कोर्ट ने निम्नलिखित विशिष्ट आदेश पारित किए थे:-

    A. तलोजा सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि वे आवेदक परिहार को परीक्षा में बैठने की अनुमति दें जो 8/10/2020 को गूगल मीट पर ऑनलाइन के माध्यम से लगभग 14.00 से 15.30 घंटे पर निर्धारित है।

    B. जेल अधीक्षक तलोजा केंद्रीय कारागार को निर्देश दिया गया कि वह आवश्यक व्यवस्था कर आवेदक अब्देल बासित परिहार को ऑनलाइन परीक्षा की सुविधा उपलब्ध कराएं।

    आवेदक के पिता यानी रिजवान परिहार को तलोजा केंद्रीय कारागार में आवेदक को अध्ययन सामग्री देने की अनुमति है।

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार (09 अक्टूबर) को परिहार के पिता ने कोर्ट को बताया कि उनका बेटा परीक्षा नहीं दे सकता, क्योंकि जेल अधिकारियों ने दावा किया था कि तकनीकी दिक्कत के कारण जेल में इंटरनेट सेवा नहीं है।

    शुक्रवार (09 अक्टूबर) को ही परिहार के लिए एडवोकेट तारक के सैयद ने इस मामले को बोर्ड में लेने के लिए आवेदन दायर किया और तलोजा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मंगाने के लिए आवेदन करते हुए कारण बताया कि आवेदक अपनी ऑनलाइन परीक्षा में बैठने में असमर्थ क्यों है।

    इसके बाद विशेष न्यायाधीश जी बी गुराओ ने तलोजा जेल के अधीक्षक को रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया कि परीहर अपनी ऑनलाइन परीक्षा में बैठने में असमर्थ क्यों हैं।

    विशेष रूप से, लाइव लॉ से बात करते हुए परिहार के वकील तारिक के सैयद ने कहा कि तलोजा जेल में अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके मुवक्किल परिहार को अब अपने करियर का एक साल गंवाना पड़ा है।

    विशेष रूप से, घटनाओं के कालक्रम का वर्णन करते हुए, एडवोकेट सैयद ने यह भी कहा कि 28 अगस्त को अब्बास लखानी और करण अरोड़ा को 13 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उनके बयानों के आधार पर उन्हें जमानत दे दी गई है, 2 सितंबर को अब्देल बासित परिहार को गिरफ्तार किया गया था।

    विशेष रूप से, विशेष अदालत के समक्ष मंगलवार (13 अक्टूबर) को दायर एक आवेदन में, प्रार्थी/परिहार की ओर से कोर्ट के समक्ष पेश किया गया कि प्रार्थी ने सोमवार (12 अक्टूबर) को अधिवक्ता को फोन किया और बताया कि उसे कुछ घंटों के लिए परीक्षा हॉल में बैठने के लिए प्रपोज किया गया था, लेकिन प्रभारी अधिकारी दोपहर करीब डेढ़ बजे लंच के लिए गए थे और गुरुवार (08 अक्टूबर) को शाम 04:30 बजे ही लौटे थे, जिसके कारण आवेदक अपनी परीक्षा से चूक गया।

    अदालत के समक्ष प्रार्थना की गई कि तलोजा जेल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जिसके कारण आवेदक परीक्षा में बैठने में असमर्थ था और उसे एक साल का समय गंवाना पड़ा। यह भी अनुरोध किया गया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।

    उल्लेखनीय है कि बुधवार (07 अक्टूबर) को उनकी जमानत अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।

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