बाबासाहेब अंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने के आरोपी आरटीआई एक्टिविस्ट को मुंबई पुलिस ने क्लीन चिट दी

Brij Nandan

29 Jun 2022 10:11 AM IST

  • बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई

    बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में डॉ बाबासाहेब अंबेडकर (Babasaheb Ambedkar) के खिलाफ एक कथित अपमानजनक पोस्ट करने के आरोपी आरटीआई एक्टिविस्ट को मुंबई पुलिस द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बाद अग्रिम जमानत दे दी।

    एक फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जस्टिस प्रकाश नाइक की अदालत को सूचित किया कि आरोपी अब्दुल रहीम अब्दुल गनी घड़ियाली अपराध में शामिल नहीं था। लोक अभियोजक ने कहा कि एक रिपोर्ट, अन्वेषण को बंद करने के लिए संबंधित अदालत के समक्ष दायर की जाएगी।

    घड़ियाली पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295ए, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) अधिनियम की धारा 3 (1) (v) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए अनुसूचित जाति समुदाय के एक सदस्य द्वारा शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया था।

    एडवोकेट ताहेरा कुरैशी ने तर्क दिया कि घड़ियाली को एक आरटीआई कार्यकर्ता और व्हिसल ब्लोअर होने के नाते झूठा फंसाया गया है। उसने कहा कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उसके नाम से एक फेसबुक अकाउंट बनाया और पोस्ट लिखा था।

    इन सबमिशन के आधार पर अदालत ने उन्हें पिछले साल अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि घड़ियाली की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें 20,000 रुपये की राशि का निजी बॉन्ड भरने की शर्त पर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

    जब याचिका इस महीने की शुरुआत में सुनवाई के लिए आई, तो अदालत ने कहा कि घड़ियाली को राहत नहीं देने का कोई कारण नहीं है। खासकर पुलिस के इस बयान के बाद कि वे उसके खिलाफ मामला नहीं चला रहे हैं।

    पीठ ने कहा,

    "उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए अपीलकर्ता को गिरफ्तार करने का सवाल ही नहीं उठता।"

    कोर्ट ने देखा,

    "एपीपी ने निर्देश पर प्रस्तुत किया कि जांच में अपराध में अपीलकर्ता की संलिप्तता का खुलासा नहीं हुआ है। उसने 2 दिसंबर, 2021 को रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उल्लेख किया गया है कि सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट करने के लिए अपीलकर्ता के खिलाफ कोई सबूत एकत्र नहीं किया जा सका। एपीपी ने निर्देश पर आगे कहा कि उपरोक्त रिपोर्ट के मद्देनजर पुलिस संबंधित अदालत के समक्ष समरी रिपोर्ट दाखिल करेगी।"

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