एमएस धोनी विश्व ख्याति प्राप्त क्रिकेटर, मीडिया को ऐसी हस्तियों के खिलाफ आरोप लगाने से पहले सच्चाई का पता लगाना चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट

Sharafat

2 Sep 2023 6:58 AM GMT

  • एमएस धोनी विश्व ख्याति प्राप्त क्रिकेटर, मीडिया को ऐसी हस्तियों के खिलाफ आरोप लगाने से पहले सच्चाई का पता लगाना चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट ने पक्षकारों के बीच चल रहे मानहानि के मुकदमे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी द्वारा की गई पूछताछ को चुनौती देने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ ज़ी मीडिया की अपील को खारिज करते हुए कहा कि समाचार चैनलों को समाचार रिपोर्ट प्रसारित करने में सतर्क रहना चहिए।

    जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने कहा,

    “ पहला प्रतिवादी विश्व ख्याति प्राप्त क्रिकेटर और एक समर्पित व्यक्ति है और उन्होंने ईमानदारी और समर्पण के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के उच्चतम स्तर पर हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया। जब किसी ऐसे अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व के खिलाफ आरोप लगाया जाता है तो यहां अपीलकर्ता की तरह समाचार चैनल को भी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ समाचार रिपोर्ट प्रसारित करने में सतर्क रहना होगा।"

    कोर्ट ने कहा कि आरोपों के संबंध में सच्चाई का बिना किसी संदेह के ठीक से पता लगाया जाना चाहिए।

    धोनी ने 2013 के आईपीएल सट्टेबाजी स्कैंडल से उन्हें जोड़ने वाली कथित मानहानिकारक रिपोर्टों पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

    धोनी के वकील ने दलील दी कि समाचार कंपनी ने क्रिकेटर के खिलाफ बिना किसी आधार के आरोप लगाए। यह बताया गया कि इंडियन प्रीमियर लीग मैचों में सट्टेबाजी, स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच के लिए नियुक्त जस्टिस मुद्गल समिति ने धोनी की संलिप्तता की रिपोर्ट नहीं दी थी।

    आदेश में कहा गया है कि इसके बावजूद अपीलकर्ता ने बिना किसी आधार या पुष्टि के मीडिया में अपनी राय व्यक्त की और पहले प्रतिवादी/वादी के खिलाफ निंदनीय और गंभीर आरोप लगाए।

    एमएस धोनी ने समाचार चैनल के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्हें और उनके लोगों को प्रकाशन/पुनर्प्रकाशन, किसी भी रिपोर्ट या लेख या प्रसारण या बार-बार प्रसारण या कार्यक्रम या बहस या किसी भी चर्चा या रिपोर्टिंग या संपत कुमार आईपीएस की कथित रिपोर्ट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित किसी भी प्रकार के अन्य मामलों में किसी अन्य तरीके की रिपोर्ट प्रकाशित करने से रोकने की मांग की गई थी। धोनी ने 100 करोड़ या उससे अधिक का हर्जाना भी मांगा था।

    धोनी ने पिछले साल नवंबर में आईपीएल घोटाले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए आईपीएस अधिकारी संपत कुमार के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​​​याचिका भी दायर की थी।

    केस टाइटल: ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड बनाम महेंद्र सिंह धोनी

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