मध्यप्रदेश में वकील की पिटाई करने के बाद पुलिस ने बनाया दबाव कहा, मामला वापस ले लो, मुस्लिम होने की गलतफहमी के कारण चलाई थी लाठी

LiveLaw News Network

21 May 2020 12:44 PM GMT

  • मध्यप्रदेश में वकील की पिटाई करने के बाद पुलिस ने बनाया दबाव कहा, मामला वापस ले लो, मुस्लिम होने की गलतफहमी के कारण चलाई थी लाठी

    मध्यप्रदेश के बैतूल में पुलिस की ज़्यादतियों का शिकार स्थानीय अधिवक्ता दीपक बुंदेले पर पुलिस मामला वापस लेने का दबाव बना रही है।

    अधिवक्ता दीपक बुंदेले की पुलिस ने 23 मार्च को निर्ममता से सरे आम पिटाई की थी, जिसके बाद उन्होंने विभिन्न फोरम पर इसकी शिकायत की थी। अब पुलिस मामला वापस लेने के लिए दबाव बना रही है।

    पुलिस ने मौखिक रूप से माफी मांगी जिसमें उसने बुंदेले से कहा कि उसकी दाढ़ी देख उसे मुस्लिम समुदाय का समझकर पीटा गया।

    यह थी घटना

    अधिवक्ता दीपक बुंदेले 23 मार्च 2020 को नगर के लल्ली चौक पर पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था, जिससे उनके कान का पर्दा फट गया था। बुंदेले 15 साल से डायबिटीज के मरीज हैं और दवाई लेने के लिए अस्पताल जा रहे थे, तभी शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए रोका।

    बुंदेले ने लाइव लॉ से कहा कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को बताया कि वे डायबिटीज के मरीज हैं और दवाई लेने के लिए अस्पताल जा रहे हैं, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनसे बदतमीजी की और लाठियों से उन्हें पीटा।

    घटना के समय लॉकडाउन शुरू नहीं हुआ था लेकिन धारा 144 लागू थी। बुंदेले ने कहा कि उन्होंने पिटते हुए पुलिसकर्मियों से कहा कि मारो मत, चाहो तो धारा 144 के उल्लंघन की कार्रवाई कर दो।

    घटना के बाद अधिवक्ता बुंदेले जैसे तैसे अपने भाई और परिचितों की मदद से अस्पताल पहुँचे। इस दौरान वहीं से उन्होंने जिला बार काउंसिल के अध्यक्ष संजय मिश्रा को अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी, जो तुरंत उनसे मिलने पहुंचे।

    इस संबंध में बुंदेले ने पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों से शिकायत करने साथ साथ विभिन्न बार काउंसिल को भी मामले से अवगत करवाया। इसके बाद पुलिस ने पहले तो बुंदेले से माफी मांगने की बात कही और बाद में मामला वापस लेने के लिए दबाव बनाया।

    बुंदेले ने अपने साथ हुई इस ज़्यादती की शिकायत ज़िले के एसपी , आईजी, डीआईजी और बार काउंसिल में की। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भी इस संदर्भ में पत्र लिखा।

    17 मई को संबधित थाने से कुछ पुलिसकर्मी बुंदेले के घर आए और उनसे मामला वापस लेने को कहने लगे।

    इस दौरान बुंदेले ने मोबाइल का वॉइस रिकॉर्डर ऑन कर दिया, जिसमें पुलिसकर्मियों और बुंदेले की बात रिकॉर्ड हुई।

    एक पुलिसकर्मी ने बुंदेले से कहा कि" मुस्लिम समझकर उस पुलिस वाले ने तुम्हें पीट दिया, अब मामला खत्म करो।"

    इस पर बुंदेले ने कहा कि वो बार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को पत्र लिखकर यह मामला बता चुके हैं, अब मामला वापस लेना सही नहीं होगा।

    बुंदेले ने 18 मई को अपने वकील एहतेशाम हाशमी के माध्यम से डीजीपी, भोपाल को पत्र लिखकर पुलिस के मामला वापस लेने के लिए दबाव बनाने की शिकायत की।

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