मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज की; 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

LiveLaw News Network

21 Jan 2022 6:01 AM GMT

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज की; 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने सोमवार को हबीबगंज स्टेशन (भोपाल में) का नाम 18 वीं शताब्दी की गोंड रानी कमलापति के नाम पर रखने के केंद्र के हालिया फैसले के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया।

    न्यायमूर्ति शील नागू और न्यायमूर्ति सुनीता यादव की पीठ ने याचिकाकर्ता अहमद सईद कुरैसी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

    बेंच ने कहा कि यह एक तुच्छ याचिका है।

    याचिकाकर्ता ने कहा कि 'हबीबगंज' रेलवे स्टेशन का नाम गलत तरीके से 'रानी कमलापति' रेलवे स्टेशन में बदल दिया गया है। उसने प्रार्थना की कि 12 नवंबर, 2021 का नाम बदलने का आदेश रद्द कर दिया जाए।

    याचिकाकर्ता के वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया कि वर्ष 1973 में गुरु हबीब मियां ने अपनी जमीन रेलवे विभाग को दान दी थी, जिस पर उक्त रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था और इस प्रकार तर्क दिया गया कि इस स्टेशन का नाम 'हबीबगंज' रेलवे स्टेशन के नाम पर रखा गया था।

    यह प्रस्तुत किया गया कि दुर्भावना से और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'रानी कमलापति' रेलवे स्टेशन कर दिया गया है।

    रेलवे स्टेशन के नाम में परिवर्तन के खिलाफ अपने कारण को आगे बढ़ाने के लिए संविधान के तहत सभी समुदायों की समान सुरक्षा के लिए संविधान के विभिन्न प्रावधानों पर भरोसा किया गया।

    कोर्ट यह समझने में विफल रहा कि किसी विशेष रेलवे स्टेशन का नाम सार्वजनिक कारणों को कैसे आगे बढ़ाएगा।

    कोर्ट ने नोट किया,

    "रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता और मात्रा से जनता का उद्देश्य पूरा होता है ताकि ट्रेन से यात्रा करने में आसानी हो। सुविधा के इस कार्य का किसी विशेष रेलवे स्टेशन के नाम से कोई लेना-देना नहीं है।"

    कोर्ट ने देखा कि याचिका सस्ते प्रचार हासिल करने के दायर की गई।

    कोर्ट ने कहा कि इसने इस न्यायालय के कीमती समय का उपभोग किया, जिसका उपयोग अधिक दबाव वाले मामलों की सुनवाई और निर्णय लेने में किया जा सकता था।

    अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता को 10,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा, जिसका भुगतान याचिकाकर्ता द्वारा रजिस्ट्री में 30 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। इसका उपयोग Covid19 महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए आवश्यक वस्तुओं और उपकरणों की खरीद के लिए किया जाएगा।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर, 2021 को नव-पुनर्निर्मित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था, जिसे पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन के रूप में जाना जाता था।

    गोंड साम्राज्य की बहादुर और निडर रानी कमलापति के नाम पर पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश का पहला विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन है।

    रानी कमलापति 18वीं शताब्दी में इस क्षेत्र की गोंड रानी थीं और वह भोपाल की अंतिम हिंदू रानी थीं। उनके राज्य को अफगान कमांडर दोस्त मोहम्मद ने धोखे से हड़प लिया था।

    केस का शीर्षक - अहमद सईद कुरैसी बनाम भारत संघ एंड अन्य

    केस उद्धरण: 2022 लाइव लॉ (एमपी) 7

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