पति पर पत्नी को पीटने का आरोप: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति को 'परिवार को फिर से मिलाने' के लिए ससुराल में 1 महीने रहने का निर्देश दिया
LiveLaw News Network
28 Feb 2022 10:08 AM IST

Madhya Pradesh High Court
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति (पति) को निर्देश दिया कि वह अपनी पत्नी के साथ ससुराल में एक महीने तक रहे ताकि परिवार आने वाले समय में फिर से मिल जाए। पति पर अपनी पत्नी की पिटाई करने का आरोप है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित आर्य की पीठ ने पत्नी (गीता रजक) द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया। दो साल की उम्र के अपने बच्चे (कॉर्पस) को पेश करने की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट दायर की गई थी।
पत्नी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि प्रतिवादी संख्या 5 (पति) ने नशे में न केवल उसके साथ दुर्व्यवहार किया और क्रूरता और शारीरिक हमले किए, बल्कि उसे घर से निकाल भी दिया और बच्चे को जबरन अपने कब्जे में ले लिया।
पत्नी का तर्क है कि मां होने के नाते, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को प्राप्त करने में, बच्चे की उम्र और कल्याण को ध्यान में रखते हुए, बच्चे की कस्टडी की हकदार हैं।
दूसरी ओर, प्रतिवादी संख्या 5/पति की ओर से पेश हुए वकील ने इस दलील के साथ आरोपों का खंडन किया और कहा कि याचिकाकर्ता ने खुद से ही प्रतिवादी संख्या 5 के घर को छोड़ा और बच्चे को अपने पति के पास छोड़कर चली गई थीं।
सुनवाई के दौरान, प्रतिवादी संख्या 5 ने कहा कि याचिकाकर्ता/पत्नी का घर वापस आने और परिवार के साथ रहने के लिए स्वागत है और वह सभी उचित देखभाल करेंगे। हालांकि, याचिकाकर्ता ने अपने पति के दुर्व्यवहार की पुनरावृत्ति की आशंका व्यक्त की।
इन परिस्थितियों में कोर्ट ने सुझाव दिया कि पति को एक महीने की अवधि के लिए अपने ससुराल (पत्नी के मायके) में जाकर रहना चाहिए।
इस सुझाव का न्यायालय में उपस्थित याचिकाकर्ता/पत्नी के माता-पिता ने स्वागत किया और यह भी कहा कि वे न केवल प्रतिवादी संख्या 5/पति को अपने साथ रहने की अनुमति देने के लिए तैयार हैं बल्कि उनकी अच्छी देखभाल भी करेंगे ताकि परिवार आने वाले समय के लिए फिर से एक हो जाए।
न्यायालय ने इस प्रकार निर्देश दिया,
"प्रतिवादी संख्या 5/पति, बच्चे के साथ, याचिकाकर्ता के माता-पिता के साथ उनके घर जाएंगे और वहां एक महीने की अवधि के लिए रहेंगे।"
आगे कहा,
"याचिकाकर्ता और याचिकाकर्ता के माता-पिता प्रतिवादी संख्या 5 की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करेंगे। यह, वास्तव में, दंपत्ति के अपने बच्चे के साथ स्वस्थ और एकजुट जीवन के लिए एक उपचार प्रक्रिया है।"
इसके साथ, कोर्ट ने मामले को 22 मार्च, 2020 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जब याचिकाकर्ता उसके माता-पिता, प्रतिवादी संख्या 5 और कॉर्पस के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे।
केस का शीर्षक - गीता रजक बनाम मध्य प्रदेश राज्य एंड अन्य
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