विधवा बहू के नाबालिग बच्चे हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम की धारा 19 के तहत भरण-पोषण के हकदार: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
Brij Nandan
7 Jan 2023 10:50 AM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 19 के तहत "विधवा" शब्द में ससुर से भरण-पोषण के उद्देश्य से उसके साथ रहने वाले नाबालिग पोते शामिल हैं।
इस प्रकार हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक पुनरीक्षण याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता (ससुर) के तीन पोते-पोतियों में से प्रत्येक को 2000 रुपये का भरण-पोषण दिया गया था।
चुनौती इस आधार पर दी गई थी कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 19 विधवा बहू को भरण-पोषण के लिए आवेदन करने का अधिकार देती है, हालांकि, पोते-पोतियों को भरण-पोषण का भुगतान करने के लिए कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के शासनादेश की सराहना करना उचित पाया और कहा,
"1956 का अधिनियम एक लाभकारी कानून है, जो उस निराश्रित बहू की देखभाल करने के लिए बनाया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के कारण विधवा हो जाती है। "विधवा" शब्द में नाबालिग पोते शामिल होंगे जो अपनी मां के साथ रह रहे हैं।"
कोर्ट ने इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी।
केस टाइटल: हरि राम हंस बनाम दीपाली व अन्य।
कोरम : जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल
याचिकाकर्ता के वकील: एडवोकेट अभिमन्यु सिंह
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