अवैध कोक संयंत्रों में मेघालय पुलिस की जांच पक्षपातपूर्ण, जांच सीबीआई को सौंपी जाए: याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से कहा
Brij Nandan
3 July 2023 10:50 AM IST
मेघालय हाईकोर्ट की तरफ से राज्य में अवैध कोक संचालन के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरतने के लिए राज्य सरकार और उसके अधिकारियों को कई बार फटकार लगाने के बाद, याचिकाकर्ता ने संबंधित जनहित याचिका में मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
शैलेन्द्र शर्मा ने हलफनामे में लिखा है,
"यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मेघालय पुलिस इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं कर रही है। इसलिए यह प्रार्थना की जाती है कि इस मामले की जांच इस कोर्ट की देखरेख में एक स्वतंत्र एजेंसी, अधिमानतः सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए। ये न्यायसंगत और निष्पक्ष जांच के हित में है।'
शर्मा ने राज्य भर में अवैध कोयला खनन और परिवहन के खतरे को उजागर करते हुए पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। लगभग एक वर्ष की अवधि में, उच्च न्यायालय ने राज्य को सरगनाओं की पहचान करने और उचित कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, अवैध कोक ओवन प्लांट स्थापित करने के पीछे के लोग ज्यादातर असम में स्थित हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की गई है। पिछले महीने इस मामले में डीजीपी से अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा गया था।
उसी के जवाब में, शर्मा का तर्क है कि कई समाचार रिपोर्टों ने कथित सरगनाओं की पहचान का खुलासा किया है और उचित जांच से और भी अधिक खुलासे हो सकते हैं। हालांकि, उनके अनुसार, कथित सरगनाओं की पहचान और उनके खिलाफ संभावित सबूतों की उपलब्धता के बावजूद, मेघालय पुलिस उन्हें पकड़ने में विफल रही है।
हलफनामे में लिखा है,
"मेघालय राज्य में सभी कोक ओवन प्लांट संचालक वस्तु एवं सेवा कर विभाग के तहत पंजीकृत हैं। यदि जीएसटी विभाग से विवरण मांगा जाता है, तो कोयले की मात्रा और स्रोत के बारे में उनकी संपूर्ण खरीद और बिक्री डेटा, मात्रा और गंतव्य के साथ बिक्री विवरण के साथ बिक्री के मामले में, अवैध कोक ओवन योजनाओं को चलाने में शामिल मूल सरगनाओं का पर्दाफाश किया जाएगा।“
मामला आज विचार के लिए सूचीबद्ध है।
केस टाइटल: शैलेन्द्र कुमार शर्मा बनाम मेघालय राज्य।
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