वैवाहिक विवाद : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने बुजुर्ग दंपति को अमेरिका जाने की अनुमति दी कहा, लंबित आपराधिक मामला पासपोर्ट रिन्यूअल में बाधा नहीं डालेगा

Sharafat

10 May 2023 3:44 PM GMT

  • वैवाहिक विवाद : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने बुजुर्ग दंपति को अमेरिका जाने की अनुमति दी कहा, लंबित आपराधिक मामला पासपोर्ट रिन्यूअल में बाधा नहीं डालेगा

    आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बुजुर्ग जोड़े को अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति देते हुए कहा कि उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की लंबितता उनके पासपोर्ट रिन्यूअल के रास्ते में नहीं आएगी।

    दंपति अपने बेटे के वैवाहिक विवाद से संबंधित एक मामले में आरोपी हैं। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498-ए और 417 के साथ-साथ दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज है।

    जस्टिस निनाला जयसूर्या ने फैसले में कहा कि प्रतिवादी-पत्नी (याचिकाकर्ता की बहू) का यह तर्क कि याचिकाकर्ता अपने बेटे की दूसरी शादी करने के लिए विदेश यात्रा करने का इरादा रखते हैं और इसलिए यात्रा करने की याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।

    अदालत ने कहा,

    "यदि याचिकाकर्ता नंबर 1 पहले विवाह के निर्वाह के दौरान दूसरी शादी करता है तो दूसरा प्रतिवादी / वास्तविक शिकायतकर्ता संबंधित कानूनी उपाय का लाभ उठाने का हकदार है।"

    अदालत ने वकील की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ लंबित कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए यात्रा की योजना बनाई जा रही है।

    अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति को सुरक्षित करने के तरीके और साधन हैं, अगर वे उनके खिलाफ शुरू की गई कानूनी कार्यवाही से बच रहे हैं।"

    जस्टिस जयसूर्या ने कहा कि मेनका गांधी बनाम भारत संघ और अन्य में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि,

    " किसी भी व्यक्ति को विदेश जाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, जब तक कि राज्य द्वारा निर्धारित कानून से उसे इस तरह से वंचित करने की प्रक्रिया के अनुसार सख्ती से प्रभाव न डाला जाए।"

    अदालत ने कहा, "सुलझी कानूनी स्थिति के मद्देनजर इस न्यायालय की सुविचारित राय है कि याचिकाकर्ताओं को उनके यात्रा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही लंबित है।"

    आवेदन की अनुमति देते हुए अदालत ने कहा कि, "हालांकि वे हलफनामा दाखिल करेंगे कि जब भी इस अदालत या किसी अन्य अदालत द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही के संबंध में आवश्यक हो, दूसरे प्रतिवादी द्वारा दिनांक 19.11.2020 को दर्ज की गई शिकायत के अनुसार याचिकाकर्ता बिना असफल हुए पेश होंगे।


    केस टाइटल : आरके और अन्य बनाम एपी राज्य और अन्य।

    याचिकाकर्ताओं के वकील: के किरण कुमार

    दूसरे प्रतिवादी के लिए वकील: केवीएस प्रभाकर राव

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