हाईकोर्ट ने धोनी के मानहानि मुकदमे में IPS की अर्जी खारिज की, पूछा- आपको क्या आपत्ति है?

Amir Ahmad

4 Nov 2025 6:53 PM IST

  • हाईकोर्ट ने धोनी के मानहानि मुकदमे में IPS की अर्जी खारिज की, पूछा- आपको क्या आपत्ति है?

    मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को रिटायर आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार की अपील खारिज की, जिसमें उन्होंने क्रिकेटर एमएस धोनी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में साक्ष्य दर्ज करने के लिए वकील आयुक्त (Advocate Commissioner) की नियुक्ति को चुनौती दी थी।

    जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि धोनी राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर हैं। सुनवाई के दौरान उनकी अदालत में उपस्थिति से सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साथ ही अदालत की कार्यवाही में भी असुविधा हो सकती है। कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए वकील आयुक्त की नियुक्ति से संपत कुमार को किस तरह का पूर्वाग्रह (Prejudice) हो रहा है।

    अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,

    "कोर्ट ने साक्ष्य दर्ज करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त किया। आपकी क्या समस्या है। आपको किस तरह से पूर्वाग्रह हो रहा है। वह राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी हैं। अगर हम उन्हें अदालत में आने के लिए जोर देंगे तो बहुत सारे प्रबंध करने होंगे। यह क्या है? आपको वैसे भी योग्यता के आधार पर ही मामला लड़ना है।"

    कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी दर्ज किया कि वकील आयुक्त को कुमार या उनके वकील की उपस्थिति में साक्ष्य दर्ज करना होगा। कुमार को कानून के अनुसार क्रॉस एग्जामिनेशन करने और मामले का बचाव करने का पूरा अवसर दिया जाएगा। किसी भी प्रक्रियात्मक अनियमितता के अभाव और कुमार को कोई पूर्वाग्रह न होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी और ट्रायल कोर्ट से मुकदमे में तेज़ी लाने का अनुरोध किया।

    यह मामला 2014 में धोनी द्वारा दायर 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे से संबंधित है। धोनी ने यह मुकदमा जी मीडिया कॉर्पोरेशन, ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार और न्यूज़ नेशन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दायर किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने धोनी को आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले से जोड़ा था।

    अगस्त, 2025 में अदालत ने मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया और धोनी के साक्ष्य दर्ज करने के लिए एक वकील आयुक्त नियुक्त किया। कुमार ने इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कुमार ने पहले भी धोनी द्वारा दायर वाद को खारिज करने की मांग करते हुए अर्जी दी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि वह एक ईमानदार पुलिस अधिकारी थे और केवल अपना कर्तव्य निभा रहे थे। हालांकि एकल जज ने उनकी अर्जी खारिज कर दी, यह कहते हुए कि उनके तर्कों को मुकदमे की सुनवाई के दौरान उठाया जा सकता है।

    Next Story