#MeToo: मानहानि मामले में पासपोर्ट जब्‍त करने के आदेश के‌ खिलाफ फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

23 Sep 2021 9:34 AM GMT

  • God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination

    मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को फिल्म निर्माता, कवि और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता लीना मणिमेकालाई की याचिका पर नोटिस जारी किया। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, चेन्नई उना पासपोर्ट जब्‍त करने का आदेश दिया था, जिसे याचिका में उन्होंने चुनौती दी थी।

    मणिमेकालाई के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला लंबित होने का हवाला देते हुए जब्त करने का आदेश पारित किया गया था। मणिमेकलाई ने 2018 में #MeToo आंदोलन के दरमियान फिल्म निर्देशक सुसी गणेशन के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद, गणेशन ने 2019 में चेन्नई में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। इस साल 9 सितंबर को पासपोर्ट अधिकारी ने एक लंबित आपराधिक मामले के आधार पर पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 10 (3) (ई) के तहत मणिमेकलाई का पासपोर्ट जब्त कर लिया।

    जस्टिस आर महादेवन ने गुरुवार को निर्देश दिया कि एडवोकेट ए अनुराधा के माध्यम से क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, चेन्नई को नोटिस दिया जाए। उन्होंने प्रतिवादी अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया ।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट अबुदु कुमार राजारत्नम ने दलील दी कि क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने याचिकाकर्ता को जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब पर विचार किए बिना जब्‍ती का आदेश जारी किया था। उन्होंने कहा कि आक्षेपित आदेश पारित होने से पहले याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका नहीं दिया गया था।

    याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रतिवादी अधिकारियों को तत्काल व्यक्तिगत सुनवाई करने का निर्देश देने की अनुमति मांगी थी।

    कोर्ट को यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता को एक फुल स्‍कॉलरश‌िप पर यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा में फिल्म में स्नातक का मौका मिला है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उसके पासपोर्ट को जब्त करने के आदेश को जल्द से जल्द रद्द किया जाए।

    एडवोकेट राजारत्नम ने आगे दलील दी कि फिल्म निर्देशक सूसी गणेशन ने दूर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया है। उन्होंने मणिमेकलाई के पासपोर्ट को जब्त कराने के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी को निर्देश देने के लिए आवेदन दायर करने की अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है।

    उल्लेखनीय है कि 2020 में मणिमेकलाई ने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि वह अपनी विदेश यात्रा योजनाओं के बारे में अदालत को सूचित करेंगी, जिसके बाद सैदापेट मजिस्ट्रेट ने उक्त याचिका को बंद कर दिया था। बाद में गणेशन ने मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष क्लोज़र ऑर्डर को चुनौती दी, हालांकि उन्हें वहां भी सफलता नहीं मिली। उन्होंने बाद में एक नई याचिका दायर की और मजिस्ट्रेट ने पुराने आदेश को दोबार खोला, औरन पासपोर्ट प्राधिकरण को अधिनियम की धारा 10 (3) (ई) के तहत आगे बढ़ने का निर्देश दिया।

    याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि मजिस्ट्रेट ने पहले के आदेश की समीक्षा करके अवैधता की थी।

    केस शीर्षक: लीना मणिमेकलई बनाम क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी

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