मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने की राज्य नीति पर रोक लगाई

LiveLaw News Network

5 May 2022 2:47 AM GMT

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने की राज्य नीति पर रोक लगाई

    Madhya Pradesh High Court

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने हाल ही में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने की राज्य सरकार की नीति पर रोक लगाई है।

    स्टे को न्यायालय द्वारा समान मामलों में दी गई समान अंतरिम राहत के परिणामस्वरुप प्रदान किया गया है, जिसमें ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की उक्त नीति को चुनौती दी जा रही थी।

    अंतरिम राहत देते हुए जस्टिस शील नागू और जस्टिस एम.एस. भट्टी ने देखा,

    "वह मुद्दा जो ओबीसी श्रेणी को 27% तक आरक्षण का लाभ प्रदान करने के संबंध में सभी वर्तमान रिट याचिकाओं में शामिल है। याचिका के इस समूह में सभी संबंधित मामलों में पारित अंतरिम आदेश इस आशय का है कि प्रतिवादी यह सुनिश्चित करेगा कि संबंधित परीक्षाओं के परिणाम घोषित करते समय ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण 14% से अधिक नहीं होगा। इस प्रकार, चूंकि समानता बनाए रखने के लिए याचिकाओं की संख्या में संचालन में अंतरिम आदेश जारी हैं। हम प्रतिवादी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि एमपी राज्य सेवा, प्रारंभिक / मुख्य परीक्षा -2020 की प्रक्रिया को पूरा करते समय ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण 14% से अधिक नहीं होगा।"

    याचिकाकर्ता का मामला

    याचिकाकर्ता, एक छात्र, राजपत्रित अधिसूचना दिनांक 14.08.2019 की वैधता को चुनौती दे रहा था, जिसके द्वारा संशोधन को मध्य प्रदेश लोक सेवा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिचड़े वर्गोनों के लिए आरक्षण) संशोधन अधिनियम 2019 में शामिल किया गया है। इसके परिणामस्वरूप ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया गया है।

    याचिकाकर्ता एमपीपीएससी द्वारा आयोजित राज्य सिविल सेवा परीक्षा, 2020, दिनांक 15.01.2022 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को भी चुनौती दे रहा है, जिसमें ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को प्रदान किया गया आरक्षण कुल आरक्षण लेते हुए 14% की सीमा को पार कर गया है, एसटी, एससी और ओबीसी श्रेणी के लिए 50% अंक से अधिक प्रतिशत।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि आरक्षण की उक्त नीति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ में निर्धारित तानाशाही के खिलाफ जाती है।

    केस का शीर्षक: सतेंद्र सिंह भदौरिया बनाम मध्य प्रदेश एंड अन्य राज्य

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