मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ही राहत की मांग के लिए बार बार याचिका दायर करने पर वादी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा

Shahadat

22 July 2023 10:24 AM GMT

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ही राहत की मांग के लिए बार बार याचिका दायर करने पर वादी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उसी राहत की मांग करने वाली याचिका दायर करने के लिए वादी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा, जिसका पहले ही निपटारा किया जा चुका है।

    चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा,

    “यह न्यायालय की प्रक्रिया के दुरुपयोग का स्पष्ट मामला है। पार्टियां वही हैं, आधार वही हैं और प्रार्थना भी वही हैं। इसके बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता ने कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग करते हुए और उत्तरदाताओं को ब्लैकमेल करने का प्रयास करते हुए यह याचिका दायर की।“

    खंडपीठ ने कहा,

    “हमें नहीं लगता कि ऐसी याचिका पर विचार किया जा सकता है। इसलिए हम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाकर याचिका को खारिज करने का प्रस्ताव करते हैं।”

    याचिकाकर्ता अर्जुनदास नेभनानी ने पहले 2017 में रिट याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने प्रतिवादी पक्ष को खदान पट्टा देने के लिए 2016 में भूविज्ञान और खनन निदेशालय के निदेशक द्वारा पारित आदेश को चुनौती देकर इसी तरह की राहत की मांग की।

    हालांकि, राज्य के वकील ने सुझाव दिया कि विवादित आदेश मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 57 के तहत अपील योग्य है और इसके अलावा नियम 59 के तहत पर्याप्त कारण बताने पर देरी को माफ करने की शक्ति है।

    तदनुसार, वैकल्पिक वैधानिक उपाय की उपलब्धता के कारण याचिकाकर्ता को वैकल्पिक वैधानिक उपाय का लाभ उठाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका का निपटारा 19.05.2017 को कर दिया गया।

    इसके बाद याचिकाकर्ता ने उपाय का लाभ उठाया और कार्यवाही शुरू की गई, जिसका समापन दिनांक 19.02.2019 के आदेश के साथ हुआ। अपील और पुनर्विचार को भी अधिकारियों ने खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने उसी राहत की मांग करते हुए फिर से वर्तमान याचिका दायर की।

    याचिकाकर्ता को अवसर प्रदान करने के लिए मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया गया।

    केस टाइटल: अर्जुनदास नेभनानी बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य, 2021 का डब्ल्यूपी नंबर 11799

    अपीयरेंस:

    रोहित रघुवंशी - याचिकाकर्ता के वकील, प्रतिवादी नंबर 1 से 4 के लिए सब ए़डवोकेट जनरल अमित सेठ, नमन नागरथ - सीनियर वकील और जुबिन प्रसाद - प्रतिवादी नंबर 5 के लिए वकील।

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