'दलबदल' के लिए BJP MLA मामले में Congress MLA की याचिका खारिज
Amir Ahmad
2 Sept 2025 5:51 PM IST

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ ने सोमवार को कांग्रेस विधायक (Congress MLA) उमंग सिंघार की याचिका खारिज की, जिसमें विधानसभा स्पीकर की कथित निष्क्रियता को चुनौती दी गई। सिंघार ने BJPM MLA निर्मला सपरे (बीना) की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वे कांग्रेस से चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गईं, जो कि दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के तहत अयोग्यता का आधार है।
कोर्ट का निर्णय
जस्टिस प्रणय वर्मा ने आदेश में कहा कि विधानसभा स्पीकर का कार्यालय भोपाल में है। संबंधित विधायक बीना (जिला सागर) से निर्वाचित हुई हैं। इसलिए यह मामला इंदौर खंडपीठ की क्षेत्रीय अधिकारिता में नहीं आता।
कोर्ट ने टिप्पणी की,
“सिर्फ इस आधार पर कि याचिकाकर्ता इस खंडपीठ के क्षेत्राधिकार में निवास करते हैं, यह अधिकारिता स्थापित नहीं होती।”
याचिकाकर्ता का पक्ष
सिंघार (गांधवानी विधायक) ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष को सपरे की अयोग्यता घोषित करने का आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका दावा कि सपरे कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीतीं और बाद में भाजपा में शामिल हो गईं, जो संविधान के अनुच्छेद 191(2) और दसवीं अनुसूची की धारा 2(1)(a) के तहत “स्वेच्छा से दल छोड़ना” है।
प्रतिवादी का पक्ष
सपरे ने याचिका की सुनवाई योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि चूंकि विधानसभा स्पीकर का कार्यालय भोपाल में है और बीना क्षेत्र सागर ज़िले में आता है, इसलिए मामला इंदौर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
निष्कर्ष
हाईकोर्ट ने माना कि यदि आंशिक कारण-कार्रवाई इंदौर क्षेत्राधिकार में उत्पन्न भी हुआ हो तो भी यह निर्णायक कारक नहीं है। कोर्ट ने “Forum Convenience” के सिद्धांत का हवाला देते हुए विवेकाधिकार प्रयोग करने से इनकार किया और याचिकाकर्ता को सक्षम पीठ के समक्ष जाने की छूट दी।
केस टाइटल: उमंग सिंघार बनाम मध्यप्रदेश राज्य

