जबलपुर एयर कनेक्टिविटी की कमी से वकीलों को हाईकोर्ट बेंचों और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने में दिक्कत: लॉ स्टूडेंट ने हाईकोर्ट को बताया
Amir Ahmad
28 Aug 2025 5:55 PM IST

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लंबित जनहित याचिका में गुरुवार (28 अगस्त) को एक अंतिम वर्ष के विधि छात्र की हस्तक्षेप याचिका स्वीकार की गई, जिसमें जबलपुर से इंदौर और ग्वालियर स्थित हाईकोर्ट की बेंचों तथा दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट तक सीमित हवाई संपर्क के कारण वकीलों और वादकारियों को हो रही कठिनाइयों को उजागर किया गया।
याचिकाकर्ता स्टूडेंट पार्थ श्रीवास्तव ने दलील दी कि जबलपुर मुख्य पीठ और उसकी इंदौर व ग्वालियर बेंचों के बीच पर्याप्त हवाई संपर्क नहीं है।
इस पर सीनियर एडवोकेट आदित्य सांघी ने कहा,
“भोपाल जो जबलपुर से छोटा शहर है, वहां से 50 उड़ानें हैं। जबकि जबलपुर से केवल 9 उड़ानें हैं। वह भी असुविधाजनक समय पर उपलब्ध है।”
हस्तक्षेप याचिका में कहा गया कि सीमित कनेक्टिविटी के कारण न तो वकील और न ही वादकारी समय पर सुप्रीम कोर्ट या दिल्ली हाईकोर्ट अथवा दिल्ली स्थित विभिन्न अधिकरणों में उपस्थित हो पाते हैं। जबलपुर लौटने पर शाम 4 बजे पहुंचने के कारण यहां भी कार्य संपन्न करना कठिन हो जाता है।
राज्य की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल विवेक शर्मा ने अदालत को सूचित किया कि विमानन निदेशालय पहले ही निर्धारित विमानन कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करने के लिए निविदा जारी कर चुका है।
वहीं इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की ओर से वकील सिद्धार्थ शर्मा ने समय मांगा ताकि अदालत के पिछले आदेश के अनुसार आवश्यक हलफनामा दाखिल किया जा सके।
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय साराफ की खंडपीठ ने हस्तक्षेप याचिका को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया,
"विमानन निदेशालय, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी आरएफपी (Request for Proposal) की प्रति याचिकाकर्ता और प्रतिवादियों के वकीलों को उपलब्ध कराई जाए। इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड को 11 अगस्त 2025 के आदेश के अनुसार आंकड़े पेश करने और आरएफपी पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया जाता है। अगली सुनवाई 9 सितंबर 2025 को होगी।"
गौरतलब है कि 30 जुलाई की सुनवाई में अदालत ने इंडिगो द्वारा उड़ानों की संख्या घटाने और महंगे टिकट किरायों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।
टाइटल: नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य (W.P. No. 14563/2024)

