मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ज़मानत की शर्त के रूप में स्थानीय ज़िला अस्पताल में ग़ैर- चाइनीज़ एलईडी टीवी लगाने का आदेश दिया
LiveLaw News Network
1 July 2020 4:30 AM GMT
![Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child](https://hindi.livelaw.in/h-upload/images/750x450_madhya-pradesh-high-court-minjpg.jpg)
MP High Court
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ज़मानत मांगने वाले दो आरोपियों को ज़मानत की पूर्व शर्त के रूप में स्थानीय ज़िला अस्पताल में दो एलईडी टीवी लगाने का निर्देश दिया, लेकिन यह भी कहा कि ये टीवी चीन में बने नहीं होने चाहिए।
न्यायमूर्ति शील नगु की पीठ ने अपने आदेश में कहा,
"याचिककर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे एलईडी टीवी ज़िला अस्पताल मोरार के रैन बसेरा में लगाएं जो कम से कम ₹25,000 कीमत की हों और ये चीन के अलावा कहीं के भी बने हो सकते हैं। शर्त नंबर 8 के बारे में अनुपालन की रिपोर्ट इससे संबंधित फ़ोटो के साथ इस अदालत की रजिस्ट्री में जमा की जानी चाहिए।"
अपने तरह की ज़मानत की यह अजीबो ग़रीब शर्त दो आरोपियों पर लगाई गई जिन पर हत्या के प्रयास के आरोप में अलग-अलग मुक़दमे चल रहे हैं।
पीठ ने कहा कि इस मामले में चार्ज शीट दाखिल की जा चुकी है और आरोपियों से हिरासत में पूछताछ की ज़रूरत नहीं है। पीठ ने आदेश दिया कि आरोपियों को ₹25,000-₹25,000 के निजी बॉन्ड पर ज़मानत पर छोड़ दिया जाए।
ग़ैर-चीनी टीवी लगाने का आदेश इस वजह से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि भारत-चीन के बीच लद्दाख़ की गलवान घाटी को लेकर जो विवाद चल रहा है उसको देखते हुए चीनी सामानों के बहिष्कार की चर्चा ज़ोरों पर है।
सोमवार शाम को केंद्र सरकार ने चीन के 59 मोबाइल ऐप्स को प्रतिबंधित करने की घोषणा की जिनमें टिक टोक, शेयरइट, यूसी ब्राउज़र, कैम स्कैनर, जेंडेर आदि शामिल हैं।
आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें