अपनी पसंद के दावे का प्रयोग करने का अधिकार स्वतंत्रता और किसी व्यक्ति की गरिमा का एक अविभाज्य हिस्सा : जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय
LiveLaw News Network
28 July 2021 7:29 PM IST
लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे एक जोड़े द्वारा सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने कहा है कि अपनी पसंद के दावे का उपयोग करने का अधिकार स्वतंत्रता और किसी व्यक्ति की गरिमा का एक अविभाज्य हिस्सा है।
न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा ने इस प्रकार कहा,
"यह तय है कि पसंद के दावे का प्रयोग करने का अधिकार स्वतंत्रता और गरिमा का एक अविभाज्य हिस्सा है और इसे कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा छोड़ना नहीं चाहिए।"
अदालत लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे एक जोड़े द्वारा सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली 19 साल की लड़की और 18 साल के लड़के को लड़की के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से धमकी का सामना करना पड़ रहा है। इन रिश्तेदारों को यह रिश्ता मंज़ूर नहीं है।
कोर्ट ने गुरविंदर सिंह और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर भरोसा किया, जिसमें पंजाब पुलिस को एक लिव-इन कपल को सुरक्षा देने का निर्देश दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील को अनुमति दी थी, जिस आदेश में कहा गया था कि लिव-इन-रिलेशनशिप नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है, इसलिए कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आदेश में कहा था,
"यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि चूंकि यह जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित है, इसलिए पुलिस अधीक्षक को कानून के अनुसार शीघ्रता से कार्य करने की आवश्यकता है, जिसमें उच्च अधिकारियों की टिप्पणियों से अप्रभावित आशंकाओं / खतरों के मद्देनजर याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना शामिल है।"
उच्च न्यायालय ने संरक्षण याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 29 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
केस का शीर्षक: रिधिमा और अन्य बनाम जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश
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