बिहार में लिकर सिंडिकेट- पटना हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई, कई निर्देश जारी किए
LiveLaw News Network
7 Dec 2021 2:51 PM IST
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में बिहार में फल-फूल रहे लिकर सिंडिकेट के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही कोर्ट ने इस संबंध में कई दिशानिर्देश जारी किए हैं।
जस्टिस संदीप कुमार की खंडपीठ तीन जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि सभी मामलों में भारी मात्रा में अवैध शराब और स्प्रिट बरामद की गई है, फिर भी स्थानीय पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में रुचि नहीं ली है।
पीठ ने कहा,
"कोर्ट राय में, ये मामले बिहार में फल-फूल रहे लिकर सिंडिकेट से जुड़े हैं। इस प्रकार के अपराध में शामिल सिंडिकेट के सदस्यों को स्थानीय पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है।"
कोर्ट ने शराब की इतनी बड़ी जब्ती पर भी आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि आबकारी और निषेध विभाग, जिसका नेतृत्व एक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे थे, उन्होंन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।
कोर्ट ने कहा,
"सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई करने से जिला पुलिस या आबकारी और निषेध विभाग को कोई नहीं रोक रहा है।"
इस पृष्ठभूमि में कोर्ट ने आयकर महानिदेशक (अन्वेषण), पटना को इन मामलों की एफआईआर में नामित/इन मामलों में शामिल पाए गए व्यक्तियों द्वारा कर चोरी के मामलों की जांच करने का निर्देश दिया गया।
इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय को उन व्यक्तियों के मामलों की जांच करने का भी निर्देश दिया गया, जिन्होंने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं, जिनका नाम एफआईआर में है और अन्य व्यक्तियों के नाम जांच के दौरान सामने आ सकते हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि बिहार सरकार के वकील को मद्य निषेध महानिरीक्षक, बिहार सरकार की ओर से एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया था, जिन पर बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी का कार्यभार है।
कोर्ट ने कहा,
"वह यह भी बताएंगे कि इतनी बड़ी जब्ती की निगरानी, जांच और मामलों में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आईजी मद्यनिषेध ने क्या कदम उठाए हैं। आबकारी विभाग को सिंडिकेट के सदस्यों को नहीं छोड़ना चाहिए।"
अदालत ने मामले को 15 दिसंबर, 2021 को आगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। साथ ही निर्देश दिया कि आदेश की जानकारी आयकर विभाग के महानिदेशक (जांच), पटना, प्रवर्तन निदेशालय, पटना और प्रधान सचिव, मद्य निषेध, आबकारी, निबंधन विभाग और बिहार सरकार को दी जाए।