आबकारी नीति: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा

Shahadat

4 May 2023 6:02 AM GMT

  • आबकारी नीति: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी की 2021-22 की आबकारी नीति के कार्यान्वयन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।

    जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सिसोदिया की जमानत याचिका और पत्नी की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग वाली अन्य अर्जी पर नोटिस जारी किया।

    सुनवाई के दौरान, ईडी के वकील ज़ोहेब हुसैन ने प्रस्तुत किया कि सिसोदिया आबकारी नीति के निर्माण में "प्रमुख साजिशकर्ताओं" में से एक हैं।

    हालांकि, सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन ने सबमिशन का जोरदार विरोध किया और कहा कि जांच एजेंसी को जवाब दाखिल करने के बाद ही सुना जाना चाहिए।

    जैसा कि हुसैन ने कहा कि ईडी एक सप्ताह के भीतर दोनों जमानत याचिकाओं पर जवाब दाखिल करेगा, अदालत ने मामले को 11 मई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर जस्टिस शर्मा आज दोपहर साढ़े 12 बजे सुनवाई करेंगे।

    सिसोदिया को 28 अप्रैल को ईडी मामले में जमानत से वंचित कर दिया गया। वह वर्तमान में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई मामले में विशेष न्यायाधीश ने 31 मार्च को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

    कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया न केवल साजिश के सूत्रधार थे, बल्कि थोक विक्रेताओं के लिए 12% लाभ मार्जिन के खंड को सम्मिलित करने के पीछे के मास्टर माइंड भी थे। थोक विक्रेताओं के लिए पात्रता मानदंड को 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया गया।"

    अदालत ने कहा,

    "यह अदालत आम जनता और समाज पर बड़े पैमाने पर गंभीर प्रभाव वाले आर्थिक अपराधों के इस मामले में आवेदक को जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूत उक्त अपराध में उसकी संलिप्तता की बात करते हैं।"

    ईडी ने आरोप लगाया कि कुछ निजी कंपनियों को 12% का थोक व्यापार लाभ देने की साजिश के तहत आबकारी नीति लागू की गई। इसने कहा कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के कार्यवृत्त में इस तरह की शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।

    एजेंसी का यह भी आरोप है कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए साउथ ग्रुप के साथ विजय नायर और अन्य व्यक्तियों द्वारा एक साजिश रची गई। यह तर्क दिया गया कि नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की ओर से कार्य कर रहे थे।

    सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को 8 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं।

    सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया। मामले में चार्जशीट 25 नवंबर, 2022 को दायर की गई थी।

    सीबीआई की एफआईआर में कहा गया कि सिसोदिया और अन्य आबकारी नीति 2021-22 के संबंध में "अनुशंसा करने और निर्णय लेने" में "सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से" महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

    Next Story