आबकारी नीति : दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया को एक दिन के लिए अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी, मीडिया से बातचीत करने या फोन का उपयोग पर रोक लगाई

Sharafat

2 Jun 2023 7:24 PM IST

  • आबकारी नीति : दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया को एक दिन के लिए अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी, मीडिया से बातचीत करने या फोन का उपयोग पर रोक लगाई

    दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार को एक दिन के लिए अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी और आदेश दिया कि वह मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे या अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

    जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आबकारी नीति के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में अंतरिम जमानत की मांग करने वाले सिसोदिया के आवेदनों पर आदेश पारित किया। सिसोदिया की पत्नी की खराब स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अंतरिम राहत मांगी गई थी।

    ईडी मामले में सिसोदिया द्वारा दायर नियमित और अंतरिम जमानत याचिकाओं पर अदालत ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया। सीबीआई मामले में आप नेता की अंतरिम जमानत को लंबित रखा गया है और अब जुलाई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

    सिसोदिया को अंतरिम राहत देते हुए अदालत ने उन्हें कल सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अपनी पत्नी से मिलने का निर्देश दिया।

    जस्टिस शर्मा ने हालांकि सिसोदिया को प्रेस से बातचीत करने या मोबाइल फोन का उपयोग करने या इंटरनेट का उपयोग करने से रोक दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि सिसोदिया अपने परिवार के सदस्यों को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति से नहीं मिलेंगे। सिसोदिया ने पहले भी दोनों मामलों में अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन पत्नी की हालत स्थिर होने के कारण बाद में उन्हें वापस ले लिया था।

    जस्टिस शर्मा ने हाल ही में सीबीआई मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

    सीबीआई ने आठ घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद आप नेता को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया था। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं।

    सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।

    सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि सिसोदिया और अन्य आबकारी नीति 2021-22 के संबंध में अनुशंसा करने और निर्णय लेने में सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

    दूसरी ओर ईडी ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी कंपनियों को 12% का थोक व्यापार लाभ देने की साजिश के तहत आबकारी नीति लागू की गई थी। इसने कहा है कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के मिनिट्स ऑफ मिटिंग्स में इस तरह की शर्त का उल्लेख नहीं किया गया था।

    एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि एक साजिश थी जिसे थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए साउथ ग्रुप के साथ विजय नायर और अन्य व्यक्तियों द्वारा समन्वित किया गया था। एजेंसी के मुताबिक, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की ओर से काम कर रहे थे।

    केस टाइटल : मनीष सिसोदिया बनाम ईडी

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