अधिवक्ता ने इंडिया टुडे ग्रुप को सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर कथित अपमानजनक सूचना फैलाने के लिए कानूनी नोटिस भेजा
LiveLaw News Network
15 Jun 2020 9:48 AM GMT
दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता, मोहित सिंह ने भारतीय सिनेमा कलाकार, सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मौत पर अपमानजनक रिपोर्टिंग के लिए इंडिया टुडे ग्रुप के अध्यक्ष और प्रधान संपादक को मानहानि का कानूनी नोटिस दिया है।
14 जून, 2020 को, इंडिया टुडे ग्रुप के आजतक न्यूज चैनल ने एक हेडलाइन दी, जिसमें कथित तौर पर किसी क्रिकेट मैच के दौरान "हिट-विकेट" के साथ अभिनेता की मौत की तुलना की गई।
नोटिस में कहा गया है कि,
"इस टिप्पणी से, आजतक ने यह पुष्टि की है कि अभिनेता सुशांत की आत्महत्या क्रिकेट में एक बल्लेबाज के हिट विकेट होने के समान है, जो गेंद का सामना करते हुए अपने बल्ले या अपने शरीर के किसी भी हिस्से से अपना विकेट को हिट करता है। इस तरह की भाषा का लापरवाही से उपयोग यह दर्शाता है कि बहुत अधिक देखे जाने वाले समाचार चैनल, आजतक ने भारतीय जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाया है।"
अधिवक्ता के अनुसार, अभिनेता के शव का पोस्टमार्टम होना शेष है और उनकी मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में, चैनल द्वारा प्रसारित की गई काल्पनिक, असंपुष्ट खबरें अभिनेता पर सवाल उठाती हैं।
सिंह ने आरोप लगाया कि चैनल ने आलोचनात्मक प्रकृति की एक घटना पर लापरवाही से टिप्पणी करने के अलावा, समाचार चैनल ने आत्महत्या के कृत्य को "सामान्यीकृत" भी किया है।
नोटिस में कहा गया है कि
"जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, उनमें यह बताया है कि आत्महत्या करने का कृत्य कायरता का कार्य है और इसे एक नजर से देखा जाना चाहिए। सार्वजनिक मंच के ऐसा करना, विशेष रूप से जिसे बहुत अधिक संख्या में दर्शक देखते हैं, उससे भारतीय समाज के एक बड़े हिस्से में कष्ट बढ़ता है।
समाचार चैनल द्वारा कथित रूप से ऐसा करना आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि के अपराध का गठन करता है।"
सिंह ने समाचार चैनल को अपने बयान को वापस लेने और "मानसिक स्थिति ( स्वास्थ्य) के मुद्दों के बारे में गलत सूचना को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए" बिना शर्त माफीनामा जारी करने के लिए कहा है। यदि चैनल ऐसा करने में विफल रहता है तो इंडिया टुडे ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस में कहा गया है कि
"इस कानूनी नोटिस के द्वारा आपको उपरोक्त कथन को वापस लेने की आवश्यकता है, साथ ही आपके चैनल पर प्रकाशित / प्रदर्शित किए गए समान प्रकृति के किसी भी अन्य स्टेटमेंट को वापस लिया जाना चाहिए और आपके अप्रिय कार्य के लिए आपको बिना शर्त सार्वजनिक माफीनामा जारी करना चाहिए।
माफीनामा में आप अपने चैनल द्वारा की गई गलती की पूरी जिम्मेदारी लें और यह कहें कि आत्महत्या की खबरें पुलिस द्वारा की जाने वाली टिप्पणी मात्र है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।"