लखीमपुर खीरी हिंसा: यूपी पुलिस ने स्थानीय अदालत में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी के रूप में नामजद करते हुए चार्जशीट दाखिल की
LiveLaw News Network
3 Jan 2022 3:51 PM IST
उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी के रूप में नामित करते हुए लखीमपुर की एक स्थानीय अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया।
लोक अभियोजक एसपी यादव ने बताया कि 5,000 पन्नों की चार्जशीट में मामले में केंद्रीय मंत्री का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है, लेकिन आशीष मिश्रा के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला का नाम आरोपी के तौर पर जोड़ा गया है।
अगर कोर्ट यूपी पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट को स्वीकार कर लेती है तो हिंसा मामले में सुनवाई शुरू हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर खीरी जिले के दौरे के विरोध में कई किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद विरोध कर रहे चार किसानों की मौत हो गई थी।
कथित तौर पर, एसयूवी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा के काफिले का हिस्सा थी।
इसके बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा (मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे) और कई अन्य लोगों के खिलाफ हिंसा मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
गौरतलब है कि पिछले महीने लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल ने लखीमपुर स्थानीय अदालत के समक्ष कहा था कि घटना के दौरान मौजूद लोगों को मारने की साजिश रची गई थी।
याचिका में कहा गया,
"अब तक की गई एसआईटी की जांच और एकत्र की गई सामग्री से ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त कृत्य आरोपी द्वारा किया गया एक लापरवाहीपूर्ण कार्य नहीं था, बल्कि यह जानबूझकर हत्या करने की पूर्व नियोजित योजना के अनुसार किया गया था।"
इसके अलावा, पुलिस ने अदालत के समक्ष यह भी प्रार्थना की कि सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए, 279, और धारा 338 को हटा दिया जाए और इसके बजाय आईपीसी की धारा 307, 326, 34, और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
नवंबर, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया।
यह आदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया, जो तीन अक्टूबर की लखीमपुर खीरी हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले दो वकीलों द्वारा भेजी गई एक पत्र याचिका के आधार पर दर्ज एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।