कर्नाटक राज्य विधि विश्वविद्यालय के तीन साल के एलएलबी छात्रों को दूसरे और चौथे सेमेस्टर में परीक्षा में बैठने के दो मौके मिलेंगे : हाईकोर्ट ने निर्देश दिए

LiveLaw News Network

8 March 2022 1:16 PM GMT

  • कर्नाटक राज्य विधि विश्वविद्यालय के तीन साल के एलएलबी छात्रों को दूसरे और चौथे सेमेस्टर में परीक्षा में बैठने के दो मौके मिलेंगे : हाईकोर्ट ने निर्देश दिए

    Karnataka High Court

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी (KSLU) को तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स के दूसरे और चौथे सेमेस्टर में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया। इन स्टूडेंट को दो परीक्षा में बैठने के दो मौके मिलेंगे। एक बार 7 मार्च से और दूसरी बार 16 मई से शुरू होने वाले एक्ज़ाम में ये छात्र बैठ सकेंगे।

    हाईकोर्ट का यह निर्देश केवल इस शैक्षणिक वर्ष के लिए विभिन्न मुकदमों के मद्देनज़र कोविड -19 महामारी को ध्यान में रखते हुए आया है।

    जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

    (i) दूसरे और चौथे सेमेस्टर के लिए अधिसूचना दिनांक 24.02.2022 से 07.03.2022 से 18.03.2022 तक निर्धारित परीक्षाएं बिना किसी हस्तक्षेप के जारी रहेंगी।

    (ii) कोई भी छात्र जो उक्त परीक्षा देना चाहता है, ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है। किसी भी छात्र को परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा और न ही किसी छात्र को विश्वविद्यालय या अन्य छात्रों द्वारा परीक्षा देने से रोका जाएगा।

    (iii) विश्वविद्यालय को अन्य सभी छात्रों को एक बार फिर से 07.03.2022 से 16.05.2022 से 02.06.2022 तक निर्धारित परीक्षा में बैठने का एक और अवसर प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है। तीन वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम के दूसरे सेमेस्टर और चौथे सेमेस्टर की ये परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएंगी।

    (iv) जो छात्र ऊपर दिए गए विवरण के अनुसार 07.03.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा देते हैं, वे एक बार फिर 16.05.2022 से 02.06.2022 तक परीक्षा देने के पात्र होंगे, भले ही वे परीक्षा में सफल हुए हों या नहीं।

    (v) यानी यदि छात्र ने परीक्षा पास कर ली है तो उसके पास 07.03.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा में प्राप्त अंकों में सुधार के लिए 16.05.2022 से निर्धारित परीक्षा देने का विकल्प होगा।

    (vi) 07.03.2022 से होने वाली परीक्षा में असफल होने वाले किसी भी छात्र को भी 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति है।

    (vii) उपरोक्त दोनों स्थितियों में अर्थात् 07.03.2022 से प्रारंभ होने वाली परीक्षा में अनुत्तीर्ण न होने के कारण प्राप्तांकों में सुधार करने या उक्त परीक्षा देने के उद्देश्य से दिनांक 16.05.2022 से परीक्षा देने वाले छात्र का प्रथम प्रयास माना जाएगा।

    (viii) 07.03.2022 से 18.03.2022 तक आयोजित होने वाली परीक्षा के संबंध में विश्वविद्यालय को 25.04.2022 को या उससे पहले परिणाम प्रकाशित करने का निर्देश दिया जाता है।

    (ix) कोई भी छात्र जो 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा देना चाहता है, उसे 30.04.2022 को या उससे पहले विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किए जाने वाले उपयुक्त वेब पोर्टल पर विश्वविद्यालय को आवेदन करना होगा।

    (x) यदि कोई छात्र 30.04.2022 तक पंजीकृत नहीं हो पाए तो ऐसा छात्र 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होगा, जिससे विश्वविद्यालय को कुशलतापूर्वक परीक्षा आयोजित करने में सक्षम बनाया जा सके।

    (xi) 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षाएं देने वाले छात्र, भले ही 07.03.2022 को परीक्षा दे चुके हों या नहीं, 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षा के किसी भी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। बशर्ते कि 07.03.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा के लिए शुल्क का भुगतान किया गया है, यदि 07.03.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा के लिए कोई भुगतान नहीं किया गया है तो परीक्षा शुल्क का भुगतान 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा के लिए किया जाना है।

    (xii) 16.05.2022 को आयोजित होने वाली परीक्षा के परिणाम सामान्य तरीके से घोषित किए जाएंगे।

    (xiii) अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए पहले से ही समय टाइम टेबल और कार्यक्रम निर्धारित होने के कारण छात्र किसी भी विचलन का दावा नहीं कर पाएंगे।

    (xiv) यदि किसी छात्र को 07.03.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा और 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा देनी है तो 16.05.2022 को होने वाली परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य होंगे।

    (xv) यदि किसी छात्र को 07.03.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा में केवल कुछ विषयों की ही परीक्षा देनी है तो वह छात्र 16.05.2022 से शुरू होने वाली परीक्षा में शेष विषयों की परीक्षा देने का पात्र होगा।

    याचिकाकर्ताओं ने टाइम टेबल के साथ 24 फरवरी की परीक्षा की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने छात्रों को उनकी आगामी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

    पृष्ठभूमि:

    सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था जिसमें कर्नाटक राज्य विधि विश्वविद्यालय को तीन साल के एलएलबी कोर्स के लिए परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।

    जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा था,

    "याचिका खारिज की जाती है। कोई राहत नहीं। वे कानून के छात्र हैं और भविष्य में वकील और न्यायाधीश बनना चाहते हैं?"

    जस्टिस एसजी पंडित और जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े की कर्नाटक हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 14 दिसंबर, 2021 को एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को रद्द कर दिया था। इस आदेश में अदालत ने केएसएलयू द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया था। इस अधिसूचना में तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के छात्रों के लिए ऑफलाइन एग्जाम कराने थे।

    हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को वेब-होस्टिंग की तारीख से 10 दिनों के भीतर 10 जून, 2021 की अपनी प्रेस विज्ञप्ति, दिनांक 10 जून, 2021 और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सुझाए गए परीक्षा के तरीके का निर्धारण करने का निर्देश दिया था।


    केस टाइटल : चिरंजीवी एम. कुलकर्णी बनाम कर्नाटक राज्य विधि विश्वविद्यालय

    केस नंबर : रिट याचिका नंबर 100869/2022

    आदेश की तिथि: 5 मार्च, 2022

    उपस्थिति: याचिकाकर्ताओं के लिए एडवोकेट एन। खेती ए / डब्ल्यू एडवोकेट दयानंद एम। बंदी; उत्तरदाताओं के लिए एडवोकेट केएल पाटिल ए / डब्ल्यू एडवोकेट बेतुर्मथ

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