केरल हाईकोर्ट गर्मी की छुट्टियों में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करेगा, ई-फ़ाइलिंग की प्रक्रिया सुझायी

LiveLaw News Network

15 April 2020 5:45 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट गर्मी की छुट्टियों में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करेगा, ई-फ़ाइलिंग की प्रक्रिया सुझायी

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने घोषणा की है कि वह गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी ज़रूरी मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंगके माध्यम से मामलों की सुनवाई करेगा।

    अदालत हाईकोर्ट की 7 अप्रैल की अधिसूचना के अनुरूप यदि ज़रूरत हुई तो एकल जज की पीठ ज़मानत और रिट याचिकाओं की सुनवाई सोमवार से शुक्रवार तक करेगी।

    हाईकोर्ट ने उन दिशा निर्देशों को भी जारी किया है जिन्हें वीडियो कंफ्रेंसिंग और ई-फ़ाइलिंग के दौरान पालन करना है।

    फ़ाइलिंग की प्रक्रिया

    सभी आवेदन, याचिका रजिस्ट्री को ईमेल के माध्यम से इस मेमो के साथ भेजा जाएगा कि इस मामले की तत्काल सुनवाई की क्यों ज़रूरत है। इसकी एक प्रति राज्य या केंद्र सरकार, जिसे भी ज़रूरत हो, उन्हें भी भेजी जाएगी।

    यह ईमेल सोमवार से शुक्रवार तक सभी कार्य दिवस को 9 से 12 बजे के बीच ही भेजी जानी चाहिए। इस समय के बाद अगर कोई मामला दायर किया जाता है तो उस पर रजिस्ट्री विचार नहीं करेगा।

    इस फाइलिंग में वक़ील यह लिखित आश्वासन देगा कि जब अदालत का रजिस्ट्री सामान्य रूप से का करना शुरू करेगा तब वह ज़रूरी दस्तावेज़ और अदालत शुल्क चुका देगा।

    सभी याचिका और एनेक्सर/इग्ज़िबिट को एकल पीडीएफ डॉक्युमेंट के रूप में भेजा जाना चाहिए। हेड नोट को वर्ड डॉक्युमेंट के रूप में अलग से भेजा जाना चाहिए। पीडीएफ और वर्ड में ये दोनों ही दस्तावेज़ एक ही ईमेल में भेजा जाना चाहिए। एक से अधिक ईमेल स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

    वक़ील किसी मामले का विवरण दिए गए फ़ॉर्मेट की सॉफ़्ट कॉपी (A4 साइज़ पेपेर) में भरेगा और इसे रजिस्ट्री को वर्ड/ओपन ऑफ़िस/रिच टेक्स्ट फ़ॉर्मेट में भेजेगा।

    हाईकोर्ट ने आगाह किया है कि अगर ऊपर दी गई शर्तों का पालन नहीं किया जाता है तो रजिस्ट्री इस मामले को दोषपूर्ण मानेगा।

    जहाँ तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बात है, अदालत ने इसके प्रतिभागियों से कहा कि अदालत की कार्यवाही को रिकर्ड करने के लिए वे किसी रिकॉर्डिंग डिवाइस का प्रयोग नहीं करेंगे और जो भी इस प्रक्रिया का रजिस्ट्री की अनुमति के बिना प्रकाशन करेगा या इसे किसी के साथ साझा करेगा उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। फिर, सुनवाई के दौरान हमेशा ही अदालत के नियमों और पोशाकों का पालन किया जाएगा।




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