केरल हाईकोर्ट ने बिल्ली का खाना खरीदने के लिए याचिकाकर्ता को बाहर जाने की अनुमति दी

LiveLaw News Network

6 April 2020 8:19 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट ने बिल्ली का खाना खरीदने के लिए याचिकाकर्ता को बाहर जाने की अनुमति दी

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को एक बिल्ली मालिक की याचिका पर उसे COVID-19 लॉकडाउन के बीच पालतू जानवरों के लिए भोजन खरीदने की अनुमति देने के लिए दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।

    तीन बिल्लियों के मालिक याचिकाकर्ता एन प्रकाश ने पुलिस से गुहार लगाई थी कि वह बिल्ली के भोजन को खरीदने के लिए उसे वाहन पास दे, लेकिन पुलिस ने पास देने से मना कर दिया। इसके बाद प्रकाश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

    वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई सुनवाई के दौरान जस्टिस ए के जयसकरण नंबियार और शाजी पी चैली की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या बिल्ली कोई दूसरा खाना नहीं खाएंगी।

    याचिकाकर्ता ने कहा कि बिल्लियों को "मेओ-फ़ारसी" नामक एक बिस्किट खिलाया जाता है, क्योंकि वह शाकाहारी हैं और उनके घर में मांसाहारी भोजन नहीं पकाया जाता। "मेओ फ़ारसी" के 7 किलोग्राम का एक पैकेट बिल्लियों के लिए तीन सप्ताह के लिए पर्याप्त है। स्टॉक ख़त्म होने के बाद, उन्होंने 4 अप्रैल को कोच्चि पेट हॉस्पिटल की यात्रा के लिए कैट फूड के उक्त ब्रांड खरीदने के लिए वाहन पास के लिए ऑनलाइन आवेदन किया।

    अतिरिक्त महाधिवक्ता, रंजीथ थम्पेन ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता स्व-घोषणा (सेल्फ डिक्लेयेरेशन) के आधार पर पालतू जानवर का भोजन खरीदने के लिए जा सकता है।

    न्यायालय ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि "पशु भोजन और चारा" आवश्यक वस्तुओं के अंतर्गत आते हैं।

    इस प्रकार याचिका की अनुमति दी गई और अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता न्यायालय के आदेश के साथ, एक स्व-घोषणा के आधार पर पालतू जानवर का भोजन लेने जा सकेगा।

    कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी स्थितियों को कवर करने के लिए एक सामान्य आदेश पारित करेगा।

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