कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए परिसीमन संबंधी पर कार्यों पर दिए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

Avanish Pathak

5 Nov 2022 9:47 AM GMT

  • कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए परिसीमन संबंधी पर कार्यों पर दिए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

    Karnataka High Court

    सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया।

    याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने राज्य सरकार को निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की कवायद को पूरा करने और कर्नाटक राज्य में सभी तालुक और जिला पंचायतों के लिए एसएी, एसटी, ओबीसी और अन्य श्रेणियों के लिए आरक्षण प्रदान करने के लिए 12 सप्ताह का और समय दिया था।

    जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने मामले को अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करते हुए औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया, लेकिन याचिकाकर्ता को कर्नाटक राज्य को एक प्रति देने के लिए कहा।

    "कर्नाटक चुनाव आयोग कर्नाटक राज्य के साथ लड़ रहा है। यह एक अच्छी तस्वीर नहीं है", जस्टिस विक्रम नाथ ने सुनवाई के दरमियान मौखिक रूप से कहा।

    जस्टिस बोस ने टिप्पणी की, "हम बड़ी तस्वीर पर हैं कि क्या संवैधानिक अधिकार अदालत में आ सकते हैं।"

    राज्य चुनाव आयोग ने मांग की है कि हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए और राज्य चुनाव आयोग को सभी जिला और तालुक पंचायतों के चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग की 30.03.2021 की परिसीमन अधिसूचना और आरक्षण अधिसूचना तारीखी 01.07.2021 के अनुसार आगे बढ़ने की अनुमति दी जाए।

    चुनाव आयोग ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट ने 24.5.2022 के अंतरिम आदेश में राज्य सरकार को निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को पूरा करने और जिला और तालुक पंचायतों के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण निर्धारित करने की कवायद को पूरा करने के लिए बारह सप्ताह का समय दिया था।

    हाईकोर्ट ने उस समय राज्य चुनाव आयोग की इस दलील पर विचार किया था कि जिला और तालुक पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है।

    आयोग ने आगे प्रस्तुत किया कि भले ही 24.5.2022 के अंतरिम आदेश के बाद 17 सप्ताह की अवधि बीत चुकी थी, राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज अधिनियम, 1993 में लाए गए संशोधनों और परिसीमन आयोग द्वारा समय बढ़ाने के अनुरोध का हवाला देते हुए छह महीने के विस्तार की मांग की।

    याचिका में आगे कहा गया है कि जिला और तालुक पंचायत पिछले एक साल से प्रशासकों के अधीन काम कर रहे हैं और अगर बिना किसी शर्त के 12 सप्ताह का समय दिया जाता है, तो राज्य सरकार एक और विस्तार की मांग करेगी और यदि इस बीच विधान सभा चुनाव की घोषणा की जाती है, तो जिला और तालुक पंचायत के चुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।

    पीठ ने मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई और याचिकाकर्ता से प्रतिवादियों को याचिका की एक प्रति उपलब्ध कराने को कहा।

    चुनाव आयोग राज्य, कर्नाटक बनाम कर्नाटक राज्य और अन्य। - एसएलपी (सी) संख्या 18135/2022

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