कर्नाटक हाईकोर्ट ने आईपीएल नीलामी की तुलना मानव तस्करी से करने वाली याचिका खारिज की
Brij Nandan
6 July 2022 3:34 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीमों के लिए खिलाड़ियों के चयन के लिए हर साल होने वाली नीलामी पर सवाल उठाने वाली एक जनहित याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
याचिका में दावा किया गया कि यह "मानव तस्करी" है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस जेएम खाजी की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा,
"नीलामी और मैच खत्म हो गया है। फाइनल मैच खेला जा चुका है और इस साल की ट्रॉफी भी दे दी गई है। अब कुछ भी नहीं बचा है।"
वेंकटेश सेट्टी ने अपनी याचिका को बहाल करने की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था जिसे रजिस्ट्री ने कार्यालय की आपत्तियों का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश एडवोकेट नयना तारा बीजी ने आवेदन का विरोध किया और अदालत को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा विचार की गई और खारिज की गई इसी तरह की याचिका के बारे में सूचित किया।
अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के नियमों की आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया है और इसलिए, कार्यालय की आपत्तियों का पालन न करने के लिए उनकी रिट याचिका को खारिज कर दिया गया है।
कोर्ट ने कहा,
"हमने पक्षों के वकील को सुना है। कागजात देखे हैं। समय बीतने तक यह मुद्दा निर्णय के लिए जीवित नहीं रहता है।"
इसमें कहा गया है,
"हम रजिस्ट्री द्वारा पारित 19 अप्रैल के आदेश को वापस लेने के इच्छुक नहीं हैं।"
याचिका में कहा गया है कि खिलाड़ी न तो रोबोट हैं और न ही सामान और इस प्रकार सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से खिलाड़ियों का चयन मानव जीवन और सम्मान को प्रभावित करता है। इसके अलावा इसने आगामी आईपीएल नीलामी पर रोक लगाने की मांग की।
याचिकाकर्ताओं ने बीसीसीआई के पदाधिकारियों, आईपीएल टीमों के मालिकों और आयोजन के प्रमुख विज्ञापनदाताओं को बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगने के निर्देश देने की प्रार्थना की थी।
केस टाइटल: वेंकटेश शेट्टी एंड अन्य बनाम सौरव गांगुली एंड अन्य
केस नंबर: डब्ल्यूपी 3489/2022
साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 245
आदेश की तिथि: 6 जुलाई, 2022