कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य को रायचूर में नए जिला न्यायालय भवन के निर्माण के लिए फंड का वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
LiveLaw News Network
7 Dec 2021 3:16 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रमुख सचिव (कानून विभाग) को रायचूर में एक नए जिला न्यायालय भवन के निर्माण के लिए फंड जारी करने के लिए संबंधित सरकारी अधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा,
"हम राज्य सरकार को प्रमुख सचिव (कानून) के माध्यम से संबंधित सरकारी अधिकारियों को मामले में तात्कालिकता से अवगत कराने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि फंड की व्यवस्था की जाए ताकि नए अदालत परिसर के निर्माण का काम बिना किसी और देरी के शुरू हो सके। ध्यान दें कि यदि जीर्ण-शीर्ण पुराने न्यायालय भवन के कारण कोई अप्रिय घटना होती है तो इससे अवांछित स्थितियां पैदा होंगी जो जनहित में सही नहीं है।"
अदालत ने महाधिवक्ता से भी अनुरोध किया कि वह इस मामले में सरकार को सही सलाह दें।
कोर्ट ने 6 मार्च 2020 के आदेश से कोर्ट भवन की जर्जर हालत का संज्ञान लिया था।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को संबोधित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायचूर द्वारा प्रस्तुत 3 मार्च, 2020 की एक रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया था कि मौजूदा न्यायालय भवन धीरे-धीरे झुक रहा है, इसकी छत कमजोर हो गई है, दरारें हो गई हैं और मौजूदा इमारत बहुत खराब स्थिति में है।
अदालत में एक रिट याचिका दायर होने के बाद, राज्य सरकार ने एक नए जिला न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए 10 एकड़ 32 गुंटा की भूमि आवंटित की।
राज्य सरकार ने 2017-18 के बजट में नए जिला न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए 10,00,00,000 रुपये (दस करोड़ रुपये) की धनराशि पहले ही जारी कर दी थी।
सरकारी वकील ने आज अदालत को सूचित किया कि वास्तव में प्रस्ताव राज्य वित्त विभाग के समक्ष रखा गया था, जिसने फाइल वापस कर दी है और इसे अगले वित्तीय वर्ष-2022-23 में विचार के लिए भेजने का अनुरोध किया है।
अदालत ने कहा कि,
"रिकॉर्ड से हम पाते हैं कि जिला रायचूर में एक नए न्यायालय भवन की तत्काल आवश्यकता है और राज्य सरकार ने मामले की तात्कालिकता को महसूस करते हुए नए न्यायालय परिसर का निर्माण के लिए भूमि आवंटित की थी और इसके लिए फंड जारी करने के लिए बजटीय प्रावधान किए थे। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि इसके बाद राज्य सरकार ने किसी तरह से फंड जारी करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं, जिसके कारण नए न्यायालय परिसर स्थल पर निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है।"
आगे कहा,
"हमें यह याद दिलाना होगा कि अदालतों के न्यायिक कामकाज के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करना राज्य सरकार का बाध्य कर्तव्य है और हमारी समझ में न्यायिक कार्य का निर्वहन राज्य में सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। यह संभव नहीं है कि राज्य सरकार फंड की कमी के बहाने अदालत भवन के निर्माण के लिए फंड उपलब्ध कराने के लिए अपनी जिम्मेदारियों से भाग सकती है। राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा उठाए गए स्टैंड की सराहना नहीं की जा सकती है।"
कोर्ट ने सरकार से नए न्यायालय परिसर भवन के निर्माण के लिए फंड उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में होगी।
केस का शीर्षक: पी. बसवराज बनाम कर्नाटक राज्य
केस नंबर: डब्ल्यूपी 22/2020