कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए रोड मैप तैयार करने में सहायता करने के लिए एनएलएसआईयू को नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

20 July 2021 4:16 AM GMT

  • हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक

    कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) को उसके सामने पेश होने और एक रोड मैप तैयार करने के लिए अदालत की सहायता करने के लिए नोटिस जारी किया। दरअसल, कोर्ट राज्य सरकार के राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवंटित 100 करोड़ के बजट के उपयोग करने के तरीके से असंतुष्ट है।

    न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति हंचते संजीव कुमार की खंडपीठ ने कहा कि,

    "प्रथम दृष्टया हम राज्य द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना से संतुष्ट नहीं हैं और इसलिए इस मामले में सहायता के उद्देश्य से और सही तस्वीर के साथ-साथ राज्य में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में बुनियादी ढांचे के संबंध में जमीनी हकीकत जानना चाहते हैं। हम सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में शामिल कुछ व्यक्तियों / संस्थाओं को सुनना उचित समझते हैं।"

    आगे कहा कि,

    "इसलिए हम सेंटर फॉर चाइल्ड एंड लॉ (एनएलएसआईयू बेंगलुरु) और डॉ वीपी निरंजनाराध्या, सीनियर फेलो सीसीएल एनएलएसआईयू को नोटिस जारी करते हैं, ताकि इस मामले में राज्य में सभी सरकारी / सहायता प्राप्त स्कूलों में उपलब्ध धन और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए इस अदालत की सहायता के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए एक रोड मैप तैयार किया जा सके। "

    राज्य सरकार ने पिछली सुनवाई में अदालत को सूचित किया था कि वर्ष 2020-21 में संरचना के लिए 88 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। स्कूल के बुनियादी ढांचे के लिए वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

    अदालत ने राज्य में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर करने वाली भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी परिषद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 100 करोड़ रुपये खर्च करने के कार्य योजना को रिकॉर्ड में रखे।

    राज्य ने जवाब में अदालत को सूचित किया कि वह 50 कर्नाटक पब्लिक स्कूलों में प्रत्येक स्कूलों पर 2 करोड़ की दर से राशि खर्च करने का इरादा रखता है, बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए 25 करोड़ रुपये की चार किस्तों में जारी किया जाएगा।

    अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि हम इस मामले में कहीं नहीं जा रहे हैं, सिवाय आपके (राज्य) रिपोर्ट दाखिल करने आदि के जो कोई मदद नहीं है। आइए हम उनके (एनजीओ) दृष्टिकोण प्राप्त करें, वे क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति हैं। देखते हैं वे क्या सोचते हैं। हम इसे प्राप्त करें, फिर हम निर्देश जारी करेंगे। हम संभवतः राज्य में स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक समिति गठित करने के लिए निर्देश जारी कर सकते हैं।

    न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने कहा कि सूर्यास्त के बाद तालुकों के सरकारी स्कूल में अवैध गतिविधियां हो रही हैं। यह मेरी पहली जानकारी है, कई स्कूल ग्रामीणों के लिए सार्वजनिक शौचालय बन गए हैं। सरकारी स्कूलों में अवैध गतिविधियां हो रही हैं और कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। केवल गरीब और पिछड़ी जाति के लोग सरकारी स्कूलों को तरजीह दे रहे हैं और यह एक बड़ा अंतर पैदा कर रहा है।

    कोर्ट ने अब मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को सूचीबद्ध किया।

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