कर्नाटक हाईकोर्ट ने COVID-19 दिशा निर्देशोंं के अनुसार विशेष रूप से डिज़ाइन रिमांड कोर्ट की स्थापना की
LiveLaw News Network
5 July 2020 2:50 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलूरु में पारदर्शी विभाजन वाले विशेष रूप से डिजाइन रिमांड कोर्ट की स्थापना की है, जहां मजिस्ट्रेट के सामने शारीरिक रूप से आरोपियों/ट्रायल कैदियों को पेश किया जाएगा।
हाईकोर्ट द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि
"कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा समय-समय पर महामारी COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को जारी किए गए हैं। इसी क्रम में गिरफ्तार व्यक्ति/ट्रायल कैदी / रिमांड के उद्देश्य से / जमानत पर विचार करने के लिए पारदर्शी विभाजन वाले एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए रिमांड कोर्ट की स्थापना की जाती है जिसने गुरुनानक भवन, वसंतनगर, बेंगलुरु में कार्य करना शुरू कर दिया है। "
मुख्य न्यायाधीश अभय ओका की अगुवाई वाली पीठ ने 1 जून से अदालतों के आंशिक कामकाज के दौरान उत्पन्न होने वाले विभिन्न कानूनी और तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए उठाए गए मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुझाव दिया था कि अदालत परिसर के बाहर एक सार्वजनिक हॉल की पहचान की जानी चाहिए जहां मजिस्ट्रेट रिमांड मामलों को सुन सकते हैं और जहां न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
प्रेस नोट में कहा गया है कि
"जब गिरफ्तार किए गए व्यक्ति / ट्रायल कैदी / को शारीरिक रूप से सुनवाई के लिए अदालत में पेश किए जाने की आवश्यकता होती है, नामित मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट / अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट / मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रिमांड कोर्ट में बैठे होंगे। जहां अपने आप में भौतिक रूप से गिरफ्तार व्यक्ति/ अंडर ट्रायल कैदी के शारीरिक रूप से पेश होने के लिए सरकार द्वारा जारी COVID-19 दिशा निर्देशों के अनुसार सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति/अंडर ट्रायल कैदी के सुरक्षित पेश करने में सुविधा होगी।"