राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कोई सबूत नहीं तो वकील पर लापरवाही का आरोप नहीं चलेगा

Amir Ahmad

21 April 2025 10:48 AM

  • राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कोई सबूत नहीं तो वकील पर लापरवाही का आरोप नहीं चलेगा

    राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि कोई भी पक्षकार केवल आरोप लगाकर अपने वकील की लापरवाही को दोष नहीं दे सकता, जब तक कि इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश न किया जाए।

    क्या है मामला

    जस्टिस रेखा बोरणा की एकल पीठ ने एक सिविल मुकदमे में गैर-हाजिरी के कारण खारिज हुए केस को फिर से शुरू करने के लिए दायर याचिका (Order 9, Rule 9 CPC के तहत) को खारिज करने के ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रखा।

    अपीलकर्ताओं का तर्क था कि उन्हें अपने केस की खारिज होने की जानकारी ही नहीं थी, क्योंकि उनके पूर्व वकील ने फाइलें वापस नहीं दीं। एक नए वकील ने बिना उनकी अनुमति के कोर्ट में हाजिरी लगाई।

    हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए कहा,

    "कोई भी पार्टी वकील की कथित लापरवाही का दोष तब तक नहीं दे सकती, जब तक वह इसे प्रमाणित करने के लिए कोई ठोस सबूत प्रस्तुत न करे।"

    कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मान लेना गलत होगा कि कोई भी वकील बिना निर्देश के किसी केस में हाजिर हो जाएगा।

    कोर्ट ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि अगर वाकई अपीलकर्ता वकीलों से असंतुष्ट होते तो सबसे पहले उन्हें बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया और न ही आरोप लगाने से पहले संबंधित वकीलों को नोटिस भेजा गया।

    ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड के अनुसार अपीलकर्ताओं के पूर्व वकील ने यह साफ कहा था कि उन्होंने केस की फाइलें वापस कर दी थीं। अब उनके पास कोई निर्देश नहीं हैं। इसके बावजूद उसी दिन एक अन्य वकील ने अपीलकर्ताओं की ओर से कोर्ट में उपस्थिति दर्ज की।

    कोर्ट का निष्कर्ष:

    हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना किसी कानूनी कार्रवाई या शिकायत के केवल आरोप लगाकर किसी वकील को दोष देना उचित नहीं है। इस प्रकार ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई गलती नहीं पाई गई और अपील खारिज कर दी गई।

    केस टाइटल: शकुंतला एवं अन्‍य बनाम पल्लवी

    Next Story