अदालतों का माहौल न केवल बच्चों के लिए बल्कि सभी के लिए अनुकूल होना चाहिए : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ
Sharafat
1 Aug 2023 7:00 PM IST
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने मंगलवार को राज्य में मंडला, मुरैना, नर्मदापुरम और शहडोल की जिला न्यायपालिका में ढांचागत सुधारों का ई-उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अदालतों को सभी के लिए अनुकूल होना चाहिए।
वर्चुअली आयोजित इस कार्यक्रम में जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया, जस्टिस विशाल धगट, जस्टिस सुनीता यादव और जस्टिस अमर नाथ (केशरवानी), मप्र उच्च न्यायालय के सहयोगी न्यायाधीश और संबंधित जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
इस संवर्द्धन में जिला मंडला में निर्मित 10 कोर्ट रूम की इमारत शामिल है, जिसमें प्रत्येक मंजिल पर दो कोर्ट रूम के साथ-साथ एक मध्यस्थता कक्ष, मीटिंग हॉल और सभी सुविधाओं के साथ एक कार्यालय भी शामिल है। जिला न्यायालय मुरैना में चार अतिरिक्त न्यायालय कक्ष, मालखाना एवं 10 केवीए सोलर सिस्टम एवं अन्य सुविधाओं से युक्त रिकार्ड रूम का निर्माण किया गया है, जो सौर ऊर्जा के उपयोग से हमारी अदालतें हरित ऊर्जा से चलेंगी।
इसके अलावा जयसिंहनगर और ब्यौहारी, जिला शहडोल में दो बाल-अनुकूल अदालतों का उद्घाटन किया गया, जिसमें एक कोर्ट रूम, चैंबर, वेटिंग हॉल और अन्य सभी सुविधाएं हैं। समारोह के दौरान सोहागपुर, जिला नर्मदापुरम में एक और बाल-अनुकूल न्यायालय का उद्घाटन किया गया, जिसमें बाल गवाहों के लिए एक कोर्ट रूम, चैंबर, वेटिंग हॉल के साथ-साथ रिश्तेदारों के लिए एक हॉल और अन्य सभी सुविधाएं हैं।
इस अवसर पर माननीय मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि नवनिर्मित भवनों का ई-उद्घाटन समय बचाने के लिए किया गया है क्योंकि भौतिक उद्घाटन में समय लगता है और इन भवनों में अदालतों के कामकाज शुरू होने में देरी होती है। ई-उद्घाटन के पीछे का उद्देश्य हितधारकों के लाभ के लिए कामकाज में तेजी लाना है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे ने इस बात पर भी जोर दिया कि अदालतों को केवल बच्चों के प्रति ही अनुकूल नहीं होना चाहिए, बल्कि अदालतों का वातावरण सभी के प्रति ऐसा मैत्रीपूर्ण वातावरण होना चाहिए जो अदालती कार्यवाही से संबंधित सभी लोगों के लिए परेशानी मुक्त हो।