रिश्वत लेकर अवैध टेंडर देने के आरोप में पूर्व मंत्री को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
Amir Ahmad
28 Aug 2025 12:05 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन के तहत अवैध टेंडर आवंटन और 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस नेता एवं पूर्व लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) मंत्री महेश जोशी को बड़ा झटका दिया। अदालत ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज की।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में दलील दी कि जोशी ने सह-आरोपी महेश मित्तल और पदमचंद से मिली रिश्वत के पैसे का मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से दुरुपयोग किया। आरोप है कि जोशी के करीबी सहयोगी संजय बड़ाया ने इन ठेकेदारों से करोड़ों रुपये लेकर जोशी तक पहुंचाए, जिनमें से लगभग 2 करोड़ रुपये जोशी को मिले और यह राशि उनके बेटे की कंपनी के खाते में जमा की गई।
जस्टिस प्रवीर भटनागर ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध सबूतों की समीक्षा के बाद माना कि जोशी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया स्पष्ट है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा,
"जनता की सेवा करने की शपथ लेने वाले पदाधिकारी का स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त होना बाड़ ही खेत खाए' जैसी स्थिति है। यह आचरण न केवल कर्तव्य का घोर उल्लंघन है बल्कि सार्वजनिक विश्वास का भी गंभीर हनन है।"
अदालत ने यह भी कहा कि जोशी और उनके बेटे के बयान, जो PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज हुए खाते में जमा भारी राशि की कोई वैध व्याख्या नहीं दे पाए। जोशी का यह दावा कि यह राशि 'कर्ज' थी बिना दस्तावेजी प्रमाण के अस्वीकार्य है।
अदालत ने माना कि उपलब्ध साक्ष्य जोशी की संलिप्तता को दर्शाते हैं और उनके बचाव में दिए गए तर्क आरोपों को कमजोर करने में असफल रहे।
केस टाइटल: महेश जोशी बनाम प्रवर्तन निदेशालय, जयपुर

