कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कौशिक चंदा ने ममता बनर्जी की चुनावी याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया; ममता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया
LiveLaw News Network
7 July 2021 6:18 AM GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने नंदीग्राम चुनाव परिणामों के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दायर चुनावी याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया। दरअसल, ममता बनर्जी 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से हार गई थीं।
न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने ममता बनर्जी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिस तरह से याचिका पर सुनवाई से अलग होने की मांग की गई थी।
ममता बनर्जी ने न्यायमूर्ति कौशिक द्वारा याचिका पर सुनवाई करने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि पक्षपात की संभावना है और आरोप लगाया कि एक वकील के रूप में जस्टिस कौशिक का भाजपा के साथ संबंध था।
जब 24 जून को मामले की सुनवाई हुई, तो वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ एएम सिंघवी ने बनर्जी के लिए तर्क दिया कि न्यायमूर्ति चंदा के भाजपा के साथ करीबी, व्यक्तिगत, पेशेवर, आर्थिक और वैचारिक संबंध को देखते हुए हितों का स्पष्ट टकराव है।
सिंघवी ने प्रस्तुत किया था कि न्यायमूर्ति चंदा को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाना बाकी है और ममता बनर्जी ने इस तरह की पुष्टि के लिए उन्होंने आपत्तियां और विरोध जताया है।
न्यायमूर्ति चंदा ने कहा था कि,
"इस मुद्दे के अदालत के सामने आने से पहले से ही एक मीडिया ट्रायल चल रहा है। सैकड़ों ट्वीट पहले ही पोस्ट किए जा चुके हैं कि उन्हें सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए। अगर अब मैं सुनवाई से अलग होता हूं, तो क्या मैं इसे मीडिया ट्रायल के कारण छोड़ूंगा?"
सिंघवी ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि न्यायिक निर्णय के लिए जनता की राय मायने नहीं रखती। इसे देखते हुए कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
बनर्जी की चुनावी याचिका में हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम से भाजपा उम्मीदवार सुवेंधु अधिकारी के चुनाव को चुनौती दी गई है।
हालांकि, नंदीग्राम सीट पर भारी संघर्ष में बनर्जी की हार के बावजूद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव में जीत हासिल की और लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने में सफल रही।