भ्रष्टाचार मामले में पूर्व मुख्य सचिव पर मुकदमे की मंजूरी टालने पर पंजाब सरकार पर 50,000 जुर्माना: हाईकोर्ट की सख्त फटकार
Amir Ahmad
27 Aug 2025 11:59 AM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में पूर्व मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी देने में लगातार टालमटोल पर पंजाब सरकार पर 50,000 का जुर्माना लगाया।
मामला तुलसी राम मिश्रा द्वारा दायर अवमानना याचिका से जुड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया कि सितंबर, 2023 के आदेश का पालन नहीं किया गया। उस आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि वह मुकदमे की मंजूरी के लिए सभी दस्तावेज केंद्र को निर्धारित समयसीमा में भेजे। जंजूआ पर 2009 में सतर्कता ब्यूरो द्वारा 2 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने का आरोप है।
जस्टिस अल्का सारिन ने सुनवाई के दौरान कहा,
“राज्य के वकील ने बार-बार अलग-अलग कारणों से स्थगन मांगा है। आज फिर स्थगन का अनुरोध किया गया, जबकि 11.08.2025 को स्पष्ट कर दिया गया कि अब कोई और स्थगन नहीं दिया जाएगा।”
सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने अदालत को बताया कि नवंबर, 2023 और मार्च, 2024 में केंद्र ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मुकदमे की मंजूरी हेतु पूर्ण प्रस्ताव भेजने को कहा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मामले की पृष्ठभूमि में 2015 में ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए जंजूआ को फिलहाल बरी कर दिया कि मुकदमे की मंजूरी का अधिकार केंद्र के पास है, जबकि अनुमति राज्य सरकार ने दी थी। हाईकोर्ट ने बाद में पंजाब सरकार को सभी दस्तावेज केंद्र को भेजने का निर्देश दिया था।
वर्तमान सुनवाई में अदालत ने अगली तारीख 8 सितंबर तय करते हुए कहा कि अब और स्थगन का कोई आधार नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई केवल 50,000 का जुर्माना पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में जमा करने की शर्त पर ही होगी।
केस टाइटल: तुलसी राम मिश्रा बनाम एस. राधा चौहान एवं अन्य

