जुहू भूमि अधिग्रहण विवाद: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को अमिताभ बच्चन का प्रतिनिधित्व तय करने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

23 Feb 2022 10:59 AM GMT

  • जुहू भूमि अधिग्रहण विवाद: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को अमिताभ बच्चन का प्रतिनिधित्व तय करने का निर्देश दिया

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन को सड़क चौड़ीकरण के लिए जुहू भूमि के एक हिस्से के अधिग्रहण के नोटिस पर 11 सप्ताह के लिए राहत दी।

    जुहू में यह वही प्लॉट है जिस पर अभिनेता अमिताभ बच्चन का बंगला प्रतीक्षा बना है।

    जस्टिस आरडी धानुका और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने नगर आयुक्त को 17 फरवरी, 2022 को परिवार द्वारा छह सप्ताह के भीतर किए गए प्रतिनिधित्व पर फैसला करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता या आयुक्त की जरूरत है तो व्यक्तिगत सुनवाई की जा सकती है।

    अदालत ने दंपति को आज से दो सप्ताह का समय दिया है, यदि वे अतिरिक्त प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं तो आयुक्त का निर्णय छह सप्ताह बाद होगा।

    आयुक्त के तदनुसार कार्रवाई करने के निर्णय के बाद बच्चन परिवार को तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया।

    अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए आदेश दिया कि तब तक बच्चन परिवार के खिलाफ इस मामले में कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    बच्चन परिवार ने मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 की धारा 299 के तहत 20 अप्रैल, 2017 को जारी दो नोटिसों को चुनौती दी है।

    याचिका के अनुसार, नोटिस में कहा गया कि उक्त भूखंडों के कुछ हिस्से (जो कथित रूप से इमारतों पर कब्जा नहीं कर रहे हैं) नगर आयुक्त द्वारा निर्धारित सड़क की नियमित लाइन के भीतर हैं। आगे कहा गया कि आक्षेपित नोटिस की तारीख से सात दिनों की अवधि की समाप्ति पर उपनगर आयुक्त का इरादा दीवार और संरचनाओं के साथ ऐसी भूमि पर कब्जा करने का है।

    बच्चन परिवार ने तर्क दिया कि नोटिस एक धारा के तहत हैं जो भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास अधिनियम, 2013 में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार के तहत सुरक्षा उपायों के साथ असंगत है और इसलिए शून्य है।

    सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि उनके अभ्यावेदन पर निर्णय लिया जाए और तब तक कोई कठोर कार्रवाई न की जाए।

    अधिवक्ता रोहन मीरपुरी के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखारे बीएमसी की ओर से पेश हुए और कहा कि नगर आयुक्त अभ्यावेदन पर विचार करेंगे।

    तद्नुसार याचिका का निस्तारण किया गया।

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