कर्नाटक हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में वकील को जेल से रिहा करने का आदेश दिया
Sharafat
10 Feb 2023 7:00 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक वकील की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली, जिसे पिछले सप्ताह अदालत की अवमानना के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनाग आई की खंडपीठ ने कहा,
"माफी स्वीकार करने से अवमानना कार्यवाही बंद हो जाती है। प्रतिवादी आरोपी को तत्काल रिहा किया जाए।"
अदालत ने 02 फरवरी को कहा था कि उसके पास अदालत की अवमानना करने के लिए एडवोकेट केएस अनिल को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश पारित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अनिल को एक सप्ताह की अवधि के लिए न्यायिक हिरासत में लिया जाए और 10 फरवरी को उसके समक्ष पेश किया जाए।
अनिल ने शुक्रवार को एक हलफनामा दायर किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह एक निचली अदालत के जूनियर वकील हैं और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अंग्रेजी में कमजोर हैं और उन्हें किसी सीनियर एडवोकेट से कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है। एडवोकेट अनिल ने 7 फरवरी को जेल अधिकारियों के माध्यम से माफी मांगी थी।
अदालत ने अपने पहले के आदेश में कहा था कि अभियुक्त द्वारा न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाने के बयान से स्पष्ट है कि अभियुक्त का न्यायिक प्रणाली से कोई संबंध नहीं है।
बेंच ने देखा था,
"आरोपी का प्रैक्टिसिंग एडवोकेट होना और पहले के मौकों पर आरोपी का लगातार व्यवहार और आज न्यायिक प्रणाली और विशेष रूप से न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ बेतहाशा आरोप लगाना यह दर्शाता है कि वह जनता की नज़र में संस्था को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है और न्यायिक प्रणाली की छवि को खराब कर रहा है।"
केस टाइटल : कर्नाटक हाईकोर्ट और केएस अनिल
केस नंबर: क्रिमिनल सीसी 9 ऑफ 2019 सी/डब्ल्यू क्रिमिनल सीसी 13/2022
साइटेशन : 2023 लाइव लॉ (कर) 52