अंतर-धार्मिक विवाह: गुजरात हाईकोर्ट ने युगल को राहत देते हुए लड़की के माता-पिता से दुर्व्यवहार नहीं करने को कहा
LiveLaw News Network
28 Jan 2022 5:48 PM IST
गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अंतर-धार्मिक विवाहित जोड़े को राहत देते हुए अंतर-धार्मिक विवाह और उनके रिश्ते का विरोध करने वाले लड़की के माता-पिता से दुर्व्यवहार नहीं करने को कहा।
जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस मौना एम. भट्ट की खंडपीठ हमीम हबीभाई खंभाती की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी। खंभाती ने अपनी पत्नी को पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट दायर की थी। खंभाती ने लड़की के साथ उसने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की थी।
अपनी याचिका में खंबाती ने अदालत को बताया कि वह और उसकी पत्नी अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि, दोनों तरफ से कोई धर्मांतरण नहीं हुआ। उनके मुताबिक शादी से खुश नहीं होने वाले माता-पिता द्वारा दी गई झूठी शिकायत का बहाना बनाकर उसकी पत्नी को उससे अलग कर दिया गया।
तीन जनवरी को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। हालांकि, 12 जनवरी तक युगल फिल मिल गए और लड़की और याचिकाकर्ता दोनों कोर्ट के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए। यह दर्शाता है कि वे खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं।
20 जनवरी को लड़की ने कोर्ट को बताया कि वह अपने ससुराल में रहती है और अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है। कोर्ट ने लड़की के माता-पिता से कहा कि वह उसकी किताबें और कपड़ें उसे दें, ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके।
गौरतलब है कि वीसी की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लड़की द्वारा उठाए गए कदम के बारे में माता-पिता की अत्यधिक प्रतिक्रिया पर ध्यान दिया और आगे कहा:
"ऐसा प्रतीत होता है कि लड़की द्वारा उठाए गए कदम ने उन्हें एक बड़ा झटका दिया है। उसके माता-पिता अंतर-धार्मिक विवाह को स्वीकार करने में असमर्थ हैं। हालांकि, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी दुर्व्यवहार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जैसा कि इस न्यायालय ने निर्देश दिया कि माता-पिता से मिलने के लिए दंपति द्वारा एक और प्रयास किया जाए और इसे सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया जाए। हालांकि, यदि माता-पिता इसे शालीनता से स्वीकार नहीं कर सकते हैं तो कुछ समय बीतने दें और उसके बाद चीजें वापस सामान्य हो सकती हैं।"
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ न्यायालय ने निर्देश दिया कि यदि सुरक्षा की कोई आवश्यकता होती है तो युगल के क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक बिना समय गंवाए उन्हें सुरक्षा प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे।
इसी के साथ उक्त निर्देश के साथ याचिका का निस्तारण किया गया।
केस का शीर्षक - हमीम हबीभाई खंभाती बनाम गुजरात राज्य
केस साइटॉन: 2022 लाइव लॉ (गुजरात) 8
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