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भारत में पहली बार कोर्ट रूम से लाइव स्ट्रीमिंग, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी अनुमति

LiveLaw News Network
13 Feb 2020 2:45 AM GMT
भारत में पहली बार कोर्ट रूम से लाइव स्ट्रीमिंग, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी अनुमति
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भारत के इतिहास में पहली बार कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पारसी महिलाओं और गैर-पारसी पुरुषों से पैदा हुए बच्चों को अग्नि मंदिर में पूजा स्थल में प्रवेश करने की अनुमति देने के एक मामले की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की मंज़ूरी दी।

कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति लेने के लिए कलकत्ता के पारसी जोरास्ट्रियन एसोसिएशन (PZAC) के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि इस मामले की सुनवाई देश के सभी पारसियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और वे इसके परिणाम से लाभान्वित होंगे।

PZAC के निवेदन को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि YouTube पर कार्यवाही का प्रसारण करने के लिए दो विशेष कैमरों को अदालत कक्ष में रखा जाए। अदालत ने निर्देश दिया कि टेलीकास्ट की लागत PZAC द्वारा वहन की जाएगी।

पारसी निकाय, पी एन एन मेहता और सनाया मेहता व्यास की याचिका में पक्षकार है, जो शहर के मध्य भाग में मेटकाफ स्ट्रीट में एक अग्नि मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं। PZAC इसके विरोध में है।

अग्नि मंदिर में प्रवेश का विरोध करने वाले द लेट एरवाड धुन्जीभाई बयारजी मेहता के जोरास्ट्रियन अंजुमन अताश अदरान ट्रस्ट के ट्रस्टी, जोश एन टंकारीवाला, वाई जे दस्तूर और जे एस बिलिमोरिया के खिलाफ हाईकोर्ट के समक्ष मेहता और व्यास ने याचिका दायर की।

अग्नि मंदिर में उनका प्रवेश कथित रूप से अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वे एक पारसी मां और एक गैर-पारसी पिता से पैदा हुए थे। भले ही उन्हें एक समारोह में धर्म स्वीकार कर लिया था।

मामले में अंतिम सुनवाई की तारीख, जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति अदालत ने दी, अभी तक तय नहीं की गई है।

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पहले लाइव स्ट्रीमिंग के लिए प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद इस मुद्दे पर एक अपील को खंड पीठ के समक्ष ले जाया गया। एकल पीठ के समक्ष अग्नि मंदिर में प्रवेश की मांग करने वाली मूल याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

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