दुर्लभ बीमारियों वाले बच्चों के इलाज के लिए एम्स दिल्ली को तुरंत 5 करोड़ रूपये जारी करें: हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया
Shahadat
18 Feb 2023 2:55 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत सरकार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को तुरंत 5 करोड़ रुपये यह सुनिश्चित करने के लिए जारी करने का निर्देश दिया कि दुर्लभ बीमारियों वाले बच्चों का इलाज, जहां यह पहले ही शुरू हो चुका है, धन की कमी के कारण बंद नहीं हुआ।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने फंड को दो सप्ताह के भीतर जारी करने का निर्देश दिया और कहा कि इसके खर्च का रखरखाव एम्स द्वारा दुर्लभ रोग समिति के प्रमुख डॉक्टर की सीधी निगरानी में किया जाएगा।
अदालत डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी), हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की मांग की गई, जो अन्यथा बहुत महंगा है।
अदालत ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को डीएमडी सहित दुर्लभ बीमारियों के उपचार की जां के लिए किए जाने वाले नैदानिक परीक्षणों के संबंध में निर्णय लेने के लिए कहा।
हलफनामे पर सचिव का पक्ष लेते हुए अदालत ने मंत्रालय को सुनवाई की अगली तारीख 1 मार्च को अदालती कार्यवाही में शामिल होने के लिए कम से कम संयुक्त सचिव के स्तर के सीनियर अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने भारत सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह दुर्लभ रोग कोष से उत्कृष्टता के लिए विभिन्न केंद्रों को जारी की गई धनराशि और उन रोगियों की संख्या की पूरी जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल करे जिनके लिए आज तक इलाज को मंजूरी दी गई।
इससे पहले अदालत ने केंद्र सरकार से जनता से अधिक स्वैच्छिक दान आकर्षित करने के लिए दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग को टेलीविजन, रेडियो या किसी अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचारित करने पर विचार करने के लिए कहा।
केस टाइटल: मास्टर अर्नेश शॉ बनाम भारत संघ और अन्य।
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